राजस्थान के अलवर में पहलू खान के बाद अब अकबर खान उर्फ रकबर खान की पीट-पीटकर हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट राजस्थान सरकार के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के लिये सोमवार (23 जुलाई) को सहमत हो गया। इस याचिका पर 28 अगस्त को सुनवाई होगी।
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी और कांग्रेस के नेता तहसीन पूनावाला ने अवमानना याचिकाओं में आरोप लगाया है कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद भीड़ द्वारा पीट कर मारने और गौ रक्षा के नाम पर हत्या की घटनाएं हो रही हैं। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि अवमानना याचिकाओं पर मुख्य मामले के साथ ही 28 अगस्त को सुनवाई की जाएगी।
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक इन याचिकाओं में राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि शीर्ष अदालत अपने आदेश का अक्षरश: पालन करने के लिये निर्देश जारी करे। शीर्ष अदालत ने 17 जुलाई को इस तरह की घटनाओं से प्रभावी तरीके से निबटने के लिये उचित कानून बनाने पर विचार करने का अनुरोध संसद से किया था। न्यायालय ने कहा था कि भीड़तंत्र को अपने आप में कानून बन जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
बता दें कि राजस्थान के अलवर जिले में 21 जुलाई को गाय की तस्करी करने के संदेह में कुछ व्यक्तियों के समूह ने रकबर खान की कथित रूप से पीट पीट कर हत्या कर दी थी। यह घटना अलवर में ही करीब सवा साल पहले डेयरी किसान पहलू खां की स्वयंभू गौ रक्षकों द्वारा पीट पीट कर हत्या किये जाने की घटना के बाद हुई है।
इस घटना के वक्त एक अप्रैल, 2017 को पहलू खां मवेशी को हरियणा स्थित अपने गांव ले जा रहा था। पहलू खां की दो दिन बाद मृत्यु हो गयी थी। पिछले एक साल से अधिक समय से राजस्थान के अलवर शहर में इस तरह के हमले की अनेक घटनायें हुयीं हैं जिनमें स्वयंभू गौ रक्षकों ने गायों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा रहे लोगों को अपना निशाना बनाया है।
अलवर हत्याकांड: राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका पर 28 अगस्त को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
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