केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के पहला अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। लोकसभा में सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार (20 जुलाई) रात 11 बजे मत विभाजन के बाद गिर गया। मतदान में प्रस्ताव के पक्ष में 126 वोट पड़े, जबकि विरोध में 325 मत पड़े। हालांकि शिवसेना का वोटिंग से दूर रहना मोदी सरकार के लिए चिंता की बात रही। प्रस्ताव पर वोटिंग के बाद लोकसभा की कार्रवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

इससे पहेल लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बोलते हुए सरकार पर सीधा हमला किया और कहा कि सरकार अपने वादे पूरे करने में विफल रही। उन्होंने, राफेल विमान सौदे, किसानों की स्थिति, बेरोजगारी और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सीधे प्रधानमंत्री को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। राहुल ने राफेल डील से लेकर देश के कई हिस्सों में हो रही हिंसा को लेकर सरकार पर हमला बोला।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शुक्रवार (20 जुलाई) को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ सदन को गुमराह करने को लेकर विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया। बता दें कि शुक्रवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल सौदे को लेकर देश से असत्य बोलने का आरोप लगाया था। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि सदन में राहुल गांधी का व्यवहार बचकाना था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह बड़े नहीं हो रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस अध्यक्ष के पास जानकारी का अभाव है और वह अपरिपक्व हैं।’’ मंत्री ने कहा कि सदन के नियमों के अनुसार, राहुल गांधी को किसी सदस्य के खिलाफ आरोप लगाने से पहले नोटिस देना होता है। उन्हें स्पीकर को पर्याप्त सामग्री देनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी सांसद इस गलतबयानी और संसद को गुमराह करने के लिये राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश करेंगे।’’

समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा के मुताबिक बाद में बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। गौरतलब है कि शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि राफेल विमान सौदे के विभिन्न आयामों को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश से असत्य बोला। उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं फ्रांस के राष्ट्रपति से स्वयं मिला था। उन्होंने मुझे बताया कि राफेल विमान सौदे को लेकर भारत और फ्रांस की सरकार के बीच गोपनीयता का कोई समझौता नहीं हुआ है।’’

सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल सौदे पर गलत बयानी कर रही हैं। उन्होंने ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में किया। राहुल ने कहा कि रक्षामंत्री ने पहले खुद ही कहा था कि वह सौदे के बारे में ब्योरा देंगी, लेकिन उन्होंने बाद में एक गोपनीय समझौते का हवाला दिया। उन्होंने दावा किया कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने उन्हें स्पष्ट रूप से इस बात से अवगत कराया था कि 58,000 करोड़ के राफेल सौदे से जुड़ा ब्योरा साझा करने में कोई परेशानी नहीं है।

वहीं, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस आरोप को ‘पूरी तरह गलत’ करार दिया कि राफेल विमान सौदे के संदर्भ में फ्रांस और भारत के बीच गोपनीयता का कोई समझौता नहीं हुआ है। सीतारमण ने कहा कि लड़ाकू विमान खरीदने के लिए भारत और फ्रांस के बीच 2008 में समझौता हुआ था।

उन्होंने कहा, ‘‘यह गोपनीयता का समझौता है। गोपनीय सूचना को सार्वजनिक नहीं करने के लिए समझौता था। मुझे जानकारी नहीं है कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने राहुल गांधी से क्या कहा था। लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति ने दो भारतीय चैनलों को दिए साक्षात्कार में कहा था कि राफेल सौदे के वाणिज्यिक ब्यौरे को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।’’ उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने जो कहा है वह पूरी तरह गलत है और इसका कोई आधार नहीं है।

बता दें ‘जनता का रिपोर्टर’ ने राफेल विमान सौदे को लेकर दो भागों (पढ़िए पार्टी 1 और पार्टी 2 में क्या हुआ था खुलासा) में बड़ा खुलासा किया था। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में भुचाल आ गया। कांग्रेस राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर सीधे तौर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘जनता का रिपोर्टर’ की खबर को शेयर कर कई बार मोदी सरकार पर हमला बोल चुके हैं।

मानसून सत्रः राफेल डील पर हमलों से तिलमिलाई BJP, राहुल गांधी के खिलाफ दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस



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