उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में पिछले साल कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में बच्चों की मृत्यु के मामले के आरोपी डॉक्टर कफील खान ने रविवार (22 जुलाई) को ‘जनता का रिपोर्टर’ से सभी मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। बच्चों की मौत मामले में जेल में गुजारे पलों के अलावा कफील खान ने पिछले दिनों अपने भाई कासिफ जमील पर हुए जानलेवा हमले पर भी खुलकर अपनी रखी है।

बच्चों की मौत मामले में हीरो से विलेन बनने के सवाल पर डॉक्टर कफील खान ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने आप को बचाने के लिए किसी न किसी को बलि का बकरा बनाना था, क्योंकि उनके और हेल्थ मीनिस्टर को लेटर गया था। राजा को बचाने के लिए प्यादे को अपनी जान देनी होती है। तो किसी को तो बकरा बनाना था। जिस प्रकार से मीडिया ने दो दिन हमें फरिश्ता और भगवान का इमेज बना दिया, वह शायद उनके अच्छी नहीं लगी। इस वजह से उन्होंने पूरे मुद्दे को डायवर्ड कर दिया।

उन्होंने आगे कहा कि नहीं तो उस वक्त मीडिया और जनता पूछ रही थी कि हेल्थ मीनिस्टर क्या कर रहा है? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में कैसे जवाबदेह नहीं है? तो अपने आप को बचाने के लिए किसी ना किसी को मारना था। और बाद में बच्चों की मौत का मामला दबाकर डॉ कफील के इर्द गिर्द की खबरें चलने लगी। कितने बच्चे मरे और उनका क्या हुआ सब लोगों ने बोलना छोड़ दिया और सबका ध्यान भटका दिया गया।

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्‍चों की मौत के मामले में जेल गए डॉक्‍टर कफील को करीब 8 महीने तक तमाम अपराधियों से भरी एक गंदी सी बैरक में जमीन पर सोना पड़ा। उन्हें जेल में भी लगातार परेशान किया जा रहा था। इतना ही नहीं उनके परिजनों को भी उनसे मिलने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते थे। परिजनों को कई-कई दिन तक इंतजार कराया जाता था, तब जाकर कुछ मिनट के लिए मिलने की इजाजत दी जाती थी।

जमानत पर बाहर आए डॉक्‍टर कफील ने ‘जनता का रिपोर्टर’ से एक्सक्लूसिव इंटरव्‍यू में बताया कि उन्हें जेल में लगातार धमकाया जाता था और प्रताणित किया जाता था। उन्होंने बताया कि उनके परिजन जब उनसे मिलने के लिए आते थे तो उन्हें 5-5 घंटे तक इंतजार कराया जाता था। कभी-कभी तो उनकी पर्ची को गायब कर दिया जाता था, ताकी उनसे मुलाकात ना हो सके।

भाई पर हुए जानलेवा हमले पर बातचीत में बताया कि यह बहुत आश्वचर्य की बात है कि जिस वक्त उनके भाई पर जानलेवा हमला हुआ उस सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में ही थे। उन्होंने कहा कि सीएम योगी जहां रूके थे उससे मात्र 500 मीटर की दूरी पर उनके भाई पर हमला हुआ। कफील ने कहा कि इस घटना को एक महीने से अधिक बीत गए हैं लेकिन अभी तक पुलिस को इस मामले में कोई सफलता हासिल नहीं हुई है।

Live with hero of Gorakhpur children deaths, Dr Kafeel Khan.

Posted by Janta Ka Reporter on Sunday, July 22, 2018

गौरतलब है कि कफील को पिछले साल 10-11 अगस्त को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में संदिग्ध रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण 24 घंटे के अंदर 30 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। हादसे के वक्त वह मेडिकल कालेज के एईएस वार्ड के नोडल अफसर थे। डॉ. कफील खान को एक 25 अप्रैल को करीब 8 माह बाद जमानत मिली थी। अगस्त, 2017 में एक हफ्ते के भीतर अस्पताल में 60 से अधिक बच्चों, ज्यादातर शिशुओं की मौत हो गई थी।

आरोप था कि ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होना हादसे की वजह बना। हालांकि योगी सरकार ने इससे इनकार कर दिया था कि ऑक्सीजन की कमी मौतों का कारण बनी थी। इस घटना के दौरान कफील तब चर्चा में आए थे जब मीडिया में उन्हें बच्चों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाते हुए दिखाया गया था। हालांकि बाद में इसी मामले उन्हें आरोपी भी बनाया गया और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।

 

 

 

Exclusive: गोरखपुर हादसा मामले में डॉ. कफील खान का सनसनीखेज आरोप, बोले- ‘सीएम योगी ने अपने आप को बचाने के लिए मुझे बलि का बकरा बनाया’



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