मोदी सरकार के खिलाफ पहले अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार (20 जुलाई) को चर्चा के दौरान विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जमकर हमले किए। इस दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के लोकसभा सांसद भगवंत मान ने भी शायराना अंदाज में सरकार की खामियां गिनाते हुए पीएम मोदी पर जमकर हमले किए। सोशल मीडिया पर भगवंत मान का यह शायराना अंदाज लोगों को खूब पसंद आ रहा है और यूजर्स इसे तेजी से शेयर कर रहे हैं।
भगवंत मान ने मौके का फायदा उठाते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल से लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और पूछा कि मोदी जी 6-7 महीनो में आप जाने वाले हैं, अब तो बता दीजिए ‘अच्छे दिन’ कब आने वाले हैं? आप सांसद ने कहा कि बीजेपी फेडरल स्ट्रकचर को खत्म करना चाहती है, दिल्ली के एलजी पर वायसराय की आत्मा हावी है। अपने भाषण के दौरान भगवंत सिंह मान ने एक कविता से मोदी सरकार पर तंज कसा।
पढ़िए, भगवंत मान द्वारा संसद में पढ़ी गई कविता की पंक्तियां कुछ यूं थीं:-
बात चली थी भारत को ‘डिजिटल इंडिया’ बनाने से
बात चली थी एक के बदले ’10 सर’ काट कर लाने से
बात चली थी ‘बुलेट ट्रेन’ चलाने से
बात चली थी ’56 इंच’ का सीना दिखाने से
बात चली थी न खाने से न खिलाने से
कहां गई वो 100 दिन में ‘काले धन’ की बात
पिछले 4 साल से देश की जनता सुन रही है रेडियो पर सिर्फ ‘मन की बात’
चौकीदार देख रहा है और लोग बैंक को चूना लगा कर भगौड़े हो रहे हैं
और लाखों पढ़े लिखे नौजवानों के सपने आंखों के सामने पकौड़े हो रहे हैं
अब तो साहब के ऑफिस से मेन्यू बन कर आता है कि हमने क्या पहनना है और हम क्या खाने वाले हैं
मोदी जी अगले 6-7 महीने में आप जाने वाले हैं, कृपया जाते-जाते ही बता दीजिए अच्छे दिन कब आने वाले हैं…
AAP सांसद भगवंत मान ने शायराना अंदाज में मोदी सरकार के 'अच्छे दिनों' पर कसा तंज
देखिए कैसे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान AAP सांसद भगवंत मान ने शायराना अंदाज में मोदी सरकार के 'अच्छे दिनों' पर कसा तंज
Posted by जनता का रिपोर्टर on Saturday, July 21, 2018
बता दें कि लोकसभा में सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार रात 11 बजे मत विभाजन के बाद गिर गया। मतदान में प्रस्ताव के पक्ष में 126 मत पड़े, जबकि विरोध में 325 वोट पड़े। इस तरह लोकसभा में बुधवार को लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को मतदान के बाद गिर गया। बीजेपी के दो सांसद के. सी. पटेल और भोला सिंह बीमार थे लेकिन वे मतदान के लिए संसद पहुंचे।
वहीं सांसद पप्पू यादव ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया और मतदान से पहले सदन से बहिर्गमन किया। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के केसिनेनी श्रीनिवास पहले सांसद थे, जिन्होंने अविश्वास नोटिस दिया और उनसे इस प्रस्ताव को रखने के लिए कहा। प्रस्ताव को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और माकपा के 50 सांसदों का समर्थन था। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अविश्वास प्रस्ताव नोटिस दिया था।
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