बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि राज्यों के लिए ऐसी को शर्त नहीं है की वे पिछड़ेपन के आकड़े एकत्र करे, जैसा 2006 में हुआ था. राज्यों को यह फैसला सकारत्मक रूप से लेना चाहिए।
बहुजन समाज पार्टी ने कहा की भाजपा के कथित दलित विरोधी रुख को उजागर करने के मकसद से चुनाव में आरक्षण को चुनावी मुद्दा बनाएंगी क्युकी उनका मानना है की अधिकांश राज्य सरकारे इस संबंध में उच्चतम न्यायालय को अनदेखा करेंगी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कल कहा था की अनुसूचित जाति तथा जनजाति के नहीं करेगी कर्मचारीओ को आरक्षण पर उच्चतम न्यायलय के फैसलों का कुछ हद तक स्वागत है। उन्होंने कहा था की न्यायलय ने कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया है और केंद्र तथा राज्य सरकारों से इसे लागु करने को कहा गया है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा की राज्यों के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है कि वे पिछड़ेपन के आकड़े को इकट्ठा करे,जैसा 2006 में हुआ था, राज्यों को यह फैसला सकारत्मक रूप से लेना चाहिए।
बसपा के एक नेता उजागर करने की शर्त पे बताया की पार्टी के लिए यह महत्वपूर्ण मुद्दा है। वह इसे संसद के बाहर और भीतर उठती रही है। प्रोन्नति में आरक्षण निश्चित तौर पर चुनावी मुद्दा बनेगा।
उन्होंने ये भी कहा कि राज्यों और केंद्र सरकारो को स्वतंत्रता दी गयी है कि वे इसे लागू करे या नहीं। बसपा का पूरा प्रयास होगा कि अनुसूचित जाती और जनजाति के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित न किया जा सके।
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