भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर के साथ मिलकर रिपब्लिक टीवी की स्थापना करने वाले चैनल के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को एक बार फिर माफी मांगनी पड़ेगी। दरअसल न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीएसए) ने रिपब्लिक टीवी को आदेश दिया है कि वह अपनी उस फर्जी खबर के संबंध में सात सिंतंबर को रात 9 बजे ‘फुल स्क्रीन’ माफीनामा प्रसारित करे, जिसमें चैनल ने इस साल जनवरी में ‘जिग्नेश फ्लॉप शो’ नाम के कार्यक्रम में एक दंपति के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया गया था। 

बता दें कि यह मामला सबसे पहले ‘जनता का रिपोर्टर’ पर उठा था, जिसमें पीड़ित शख्स की पत्नी ने एक ब्लॉग लिखकर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। गौरतलब है कि इससे पहले मानहानि के डर से अर्नब गोस्वामी को पिछले दिनों ABP न्यूज से ऑन-एयर माफी मांगनी पड़ी थी। अर्नब के चैनल रिपब्लिक टीवी ने ABP न्यूज के रिपोर्टर को ‘गुंडे’ के रूप में दिखाया था, जिसे लेकर चैनल ने माफी की मांग की थी।

एनबीएसए ने 30 अगस्त 2018 को दिए अपने आदेश में कहा है कि रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्नब गोस्वामी द्वारा अपने शो के दौरान की गई टिप्पणियां गैर-जरूरी, तर्कहीन और ब्रॉकास्टिंग स्टैंडर्ड्स का उल्लंघन थीं। इसी आधार पर एनबीएसए ने अर्नब गोस्वामी के चैनल को आदेश दिया है कि वह 7 सितंबर को चैनल पर फुल स्क्रीन माफीनामा प्रसारित करे और इसकी सीडी एनबीएसए को उपलब्ध कराए।

साथ ही एनबीएसए ने चैनल को एनबीए के मानकों की याद दिलाते हुए कहा कि यह जिम्मेदारी चैनल की है कि वह हर खबर को प्रसारित करने से पहले उसमें दिखाए गए तथ्यों की पूरी तरह से जांच करे और जल्दी खबर दिखाने की हड़बड़ी में संतुलित व्यवहार को न छोड़े। बता दें कि एनबीएसए एक स्वतंत्र संस्था है और टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों पर नजर रखती है और विवाद की स्थिति में आदेश पारित करती है।

गुजरात से विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने एनबीएसए के इस आदेश की प्रति पोस्ट करते हुए लिखा है कि ऐसे कृत्य पर ‘बनाना रिपब्लिक को शर्म आनी चाहिए।’ जिग्नेश  एनबीएसए के आदेश की कॉपी ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, “मीडिया के तत्काल ध्यान के लिए: यह एनबीएसए की कॉपी है, जिसमें रिपब्लिक टीवी को जनवरी में ‘युवा हुंकार रैली’ की कवरेज के दौरान मुझे और हमारी टीम के खिलाफ बदनाम सामग्री का इस्तेमाल करने के लिए फुल स्क्रीन माफी मांगने का आदेश दिया गया है। ऐसे कृत्य पर ‘बनाना रिपब्लिक’ को शर्म आनी चाहिए”।

‘जनता का रिपोर्टर’ पर उठा था मामला

आपको बता दें कि एनबीएसए का यह आदेश पीड़ित शख्स ए सिंह और उनकी पत्नी प्रतिष्ठा सिंह की शिकायत पर आया है। दरअसल रिपब्लिक टीवी ने जनवरी में पार्लियामेंट स्ट्रीट पर हुई जिग्नेश मेवानी की रैली के दौरान चैनल के एक रिपोर्टर के साथ हुई कथित बदसुलूकी में गलती से उनका नाम प्रसारित किया था। सिंह दंपति का एतराज था कि इस कार्यक्रम के प्रसारण के दौरान उनके लिए इस्तेमाल किए गए शब्द गंदे, भद्दे, लैंगिकवादी, विकृत और देश विरोधी थे।

प्रतिष्ठा सिंह ने भी 10 जनवरी को ‘जनता का रिपोर्टर’ पर एक ब्लॉग लिखकर अपने बेकसूर पति को गुंडे के रूप में प्रस्तुत करने को लेकर रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी पर नाराजगी व्यक्त की थी। सिंह ने ब्लॉग में रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनके निर्दोष पति की तस्वीर दिखाते हुए कहा था कि वे उस महिला पत्रकार को परेशान कर रहे थे। जबकि यह सरासर गलत आरोप था।

 

 

 

 

निर्दोष शख्स को ‘अपशब्द’ प्रयोग करने के लिए अर्नब गोस्वामी को मांगनी पड़ेगी मांफी, रिपब्लिक टीवी को ‘फुल स्क्रीन’ माफीनामा चलाने का आदेश



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