देशभर में 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गई थी लेकिन राजस्थान की राजधानी जयपुर में इस मिशन की शुरुआत एक शक्स द्वारा काफी वक्त पहले ही कर दी गई थी. दरअसल, 63 वर्षीय शकील अहमद पिछले 30 सालों से हर सुबह हाथ में झाढ़ू और कचरे का डिब्बा लिए सफाई के लिए निकल जाते हैं. उन्हें साफ सफाई से इतना प्रेम है कि वह रोजाना प्रदेश की राजधानी की सफाई के लिए निकल पड़ते हैं.
दरअसल, शकील अहमद का कहना है, उन्हें सफाई करना, सफाई से रहना अच्छा लगता है और इसमें उन्हें खुशी हासिल होती है. यह तस्वीर खुद बयां करती है कि चलते वक्त शकील अहमद को काफी तकलीफ होती है लेकिन इसके बाद भी उनके मजबूत इरादों को कोई नहीं बदल पाया. बता दें, एक हादसे में उनके पैरों में चोट लग गई थी. जिसके चलते उन्हें बिस्तर पर भी रहना पड़ा था लेकिन शकील स्वछता के कर्म से पीछे नहीं हटे और अपनी स्वछता की यात्रा जारी रखी.
सुबह की नमाज के बाद ही वह अपने स्वच्छता मिशन पर निकल पड़ते हैं. उन्होंने बताया कि वह सालों से अपने आसपास के इलाकों की सफाई का जिम्मा उठाए हुए हैं. सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद अब वह इस काम को ज्यादा वक्त दे पाते हैं. उनके परिवार को उनका इस तरह और इस उम्र में सड़कों पर सफाई करना कभी कभी अखरता है तो शकील परिवार के सदस्यों के सोकर उठने से पहले ही सफाई के अभियान को निपटा लेते है.
शकील न सिर्फ सड़क से कचरा साफ करते हैं बल्कि सड़क के कचरे को कचरा पात्र में डालकर अपनी साइकिल पर लादते हैं और फिर उसे कचरा डिपो में डालकर आते हैं. शकील का कहना है कि पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का जो मिशन चलाया वो उसके साथ हैं और उसके लिए हर रोज प्रयास करते हैं.
शकील अहमद को सालों से सफाई करते हुए देखने वाले स्थानीय लोग भी उनकी मिसाल देते हैं. सफाई का कोई मजहबी चश्मा नहीं होता सफाई सोच में बसती है. यही सोच थी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की और यही सोच है पीएम नरेंद्र मोदी की. हम भारतीयों को सोचना होगा की हम कचरा फैलाने से ही बचे ताकि कचरा साफ करने की नौबत ही न आए.
साभार- ‘ज़ी न्यूज़’
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