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8 नवंबर 2016 को हुए नोटबंदी के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे आतकंवाद और कालेधन के खिलाफ रामबाण की तरह बताया था। नोटबंदी को सरकार ने कालेधन और भारत में होने वाले आतंकवादी घटनाओ के खिलाफ एक बड़े हथियार की तरह बताया। और यह भी दावा किया था की इससे आतंकवाद को बहुत हद तक खत्म किया जा सकेगा।
परन्तु प्रधानमंत्री का यह दावा कुछ ही दिनों के बाद ही गलत शाबित हो गया, जब नोटबंदी के सिर्फ 21 दिन बाद ही 29 November, 2016 को कुछ आतंकवादियों द्वारा जम्मू शहर के बाहरी इलाके के नगरोटा में स्थित 16 कोर मुख्यालय में तैनात 166 सेना इकाई के परिसर में प्रवेश करके, आर्मी अधिकारी समेत 7 जवानों को मार देने का मामला सामने आया था।
इससे पहले भी November 24, 2016 को कुपवाड़ा के हंदवाड़ा के तहसील में उग्रवादियों द्वारा क्रालगुंड पुलिस स्टेशन पर हमले की घटना सामने आई थी। आंतकवादियों और उग्रवादियों द्वारा नोटबंदी के बाद सिर्फ इन दो घटनाओं को ही अंजाम नहीं दिया गया। बल्कि 3 महीने बाद 29 March, 2017 को एक और घटना सामने आती ही जहां, दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के एक पुलिस स्टेशन पर आतंकवादियों द्वारा गोलीबारी कर दी जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं एक घटना 10 जुलाई, 2017 को भी सामने आई, जिसमे अमरनाथ जा रहे श्रद्धालुओं पर चरमपंथियों द्वारा किये गए हमले में 7 लोगो को मार दिया जाता है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में दिए गए आकड़ो के अनुसार 2016 के बाद आतंकी और घुसपैठ की घटनाओं में इजाफा देखा गया है। आतंकी हमले की बात करे तो 2016 में 283 आतंकी घटनाएं सामने आई, वहीं 2017 में ये घटना 301 थी। नोटबंदी के बाद घुसपैठियों के मामले में भी बढ़ोतरी हुई, जहां 2016 में सिर्फ 221 घुसपैठ के मामले सामने आये वहीं अगले वर्ष 2017 में 336 मामलों को देखा गया।
सरकार द्वारा दिए गए आकड़ो के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी के 5 साल के कार्यकाल में मरने वाले जवानो की संख्या में 93 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसके साथ इस कार्यकाल में जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों की घटनाओं में 176 प्रतिशत का इजाफा देखा गया। वहीं अगर हम मोदी के कार्यकाल में अब तक होने वाले कुल आतंकी घटनाओं की बात करते हैं तो इसकी संख्या 1,708 होती है, जिसका औसत बनता (पांच साल तक हर महीने 28 आतंकवादी घटनाएं)
विपक्षी पार्टियों ने पुलवामा में हुई आतंकी घटना को लेकर मोदी सरकार की पाकिस्तान और आतंकवादियों के प्रति नीतियों पर सवाल उठायें है। कांग्रेस के प्रवक्ता Randeep Singh Surjewala ने मोदी सरकार पर आरोप लगाए की, पुलवामा में हुए आतंकी हमले को मिलाकर मोदी सरकार में 18 बड़े आतंकी हमलो को अंजाम दिया गया है।
इस सबसे यह पता लगता है की मोदी सरकार द्वारा लाये गए नोटबंदी से न ही भ्रस्टाचार खत्म हुआ है और न ही आतंकवाद। आंतकवाद की बात करे तो नोटबंदी के बाद इसमें इजाफा ही देखा गया है। और अगर हम मोदी सरकार के 5 साल के कार्यकाल की बात करते हैं तो उसमें मोदी सरकार की हालत और ज्यादा बदतर दिखाई देती है।
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