इंद्र वशिष्ठ, दिल्ली पुलिस में पुलिसकर्मियों द्वारा आत्महत्या करने के मामले बढ़ रहे हैं। हर साल औसतन दस पुलिस वाले खुदकुशी कर लेेेते है। पिछले चार साल में 43 पुलिसकर्मियों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आए हैं।।
पुलिसवालों द्वारा आत्महत्या करने के मामलों में वृद्धि के बारे में संसद में सवाल उठाया गया।
सांसद प्रभाकर रेड्डी द्वारा सरकार से पूछा गया कि क्या पुलिस वालों द्वारा आत्महत्या करने का मुख्य कारण डिप्रेशन/तनाव है।
गृह राज्य मंत्री हंस राज गंगा राम अहीर ने राज्य सभा में बताया कि साल 2015 में 7, साल 2016 में 12, साल 2017 में 13 और नवंबर 2018 तक 11 पुलिस वालों ने आत्महत्या की।
गृह राज्य मंत्री हंस राज गंगा राम अहीर ने बताया कि आत्महत्या की वजहों में निजी समस्या, बीमारी और पारिवारिक वजह शामिल है।
पुलिस वालों को तनाव मुक्त रखने के लिए तनाव प्रबंधन कोर्स, ध्यान, योग, खेल कूद और स्वास्थ्य जांच आदि क़दम उठाए गए हैं। यह सुनिश्चित किया गया है हरेक पुलिस वाले को नियमित रूप से आराम/रेस्ट मिले। उनको छुट्टी देने में उदारता बरती जाए। बैरक का माहौल अच्छा हो, उनके मनोरंजन के लिए टेलीविजन आदि की व्यवस्था की गई है। जिम बनाएं गए। पुलिस वालों के बच्चों के लिए स्कूल की व्यवस्था की गई है।
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 307 कर्मियों द्वारा आत्महत्या।–
एक अन्य सवाल के जवाब में राज्यसभा सभा में बताया गया कि पिछले तीन सालों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों/असम रायफल्स के 307 पुलिसकर्मियों द्वारा आत्महत्या की गई।।
साल 2016 में 90, साल 2017 में 121 और साल 2018 में 96 पुलिसकर्मियों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आए हैं।
गृह राज्य मंत्री हंस राज गंगा राम अहीर ने बताया कि कार्य की परिस्थितियों में लगातार सुधार किया जा रहा है। इसके लिए पेशेवर एजेंसियों की भी मदद ली जाती है।
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📢MBK Team | 📰TheSiasatDaily

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