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बजट पेश कर दिया गया है और इसके साथ साथ मोदी सरकार इस बजट के सहारे लोकसभा चुनाव में वाह वाही बटोरने को तैयारी में भी है। मोदी सरकार ने यह दावा किया है की यह बजट देशवासियों के लिए बहुत लाभदायक शाबित होगा। वित मंत्री कहते हैं की बजट में किसानों के लिए बड़ी योजना का ऐलान किया गया है। वहीँ कॉंग्रेस के मंत्री व पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस बजट जुमले बाज से बढ़कर और कुछ नहीं बताया।

कैप्टन ने कहा कि भले ही यह ढकोसले के रूप में लोक लुभावना लग रहे हैं लेकिन यह आखिरी मुकाम पर खड़ी सरकार के बजट का एक नमूना है। जिसमें भारत के लोगों के साथ झूठे वादे किये गए हैं। वहीँ किसानो के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की सीमांत किसानों के लिए बजट में सालाना 6000 रुपए के एलान को ऊंट के मुंह में जीरा जैसा बताया है। संकट में घिरे किसानों के लिए प्रति माह केवल 500 रुपए का एलान करके मोदी सरकार ने किसानों की समस्या को गंभीरता से नज़रअंदाज किया है।

बजट में किसानो को प्रति माह 500 रूपये देने की योजना को मोदी सरकार कुछ इस तरह पेश कर रही है की जैसे बीजेपी किसानों के लिए संजीवनी बूटी बनकर आई है। किसानो की इतनी खस्ता हालत होने के बावजूद मोदी सरकार द्वारा किसानो की समस्याओं को नजरअंदाज करना बेहद शर्मनाक है। बजट की बात करें तो किसानों के लिए इसमें भी सिर्फ जुमलों के सिवाय कुछ खास नहीं है।

बजट पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चुनाव पर केन्द्रित बजट है, जिसका उद्देश्य झूठे वादों से लोगों को गुमराह करना है। इस बजट में मोदी सरकार ने युवाओं के लिए कुछ भी नहीं किया है।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करके केंद्र सरकार ने केवल आंसू पोंछने की कोशिश की है।  मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले से ही निर्धारित है लेकिन सरकार इसे खरीदती नहीं है, जिसके कारण मज़बूर किसानों को कम मूल्य पर बाज़ार में बेचना पड़ता है।

कैप्टन ने कहा कि यह बजट ‘भविष्य काल’ का बजट है जिसमें अगले पाँच सालों में 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अर्थव्यवस्था और अगले 8 सालों में 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अर्थव्यवस्था की बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस बजट में पिछले पाँच सालों के दौरान भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की प्राप्तियों की कोई भी झलक नहीं मिलती।

अमरिंदर सिंह कहते हैं की चुनाव को ध्यान में रखकर भावी रियायतों का एलान करके संवैधानिक औचित्य के मानदंडों का इस बजट उल्लंघन किया गया है जबकि इस समय केवल खर्चा बिल पेश किये जाने की आशा की जा रही थी। मुख्यमंत्री ने इस बजट को एक बेमेल बजट बताकर इसकी आलोचना की। बता दें की यह बजट देश के लोगों पर बहुत बड़ा बोझ बनने वाला है, हाँ अपने सही सुना बहुत बड़ा बोझ। यह बजट देश पर 80 हजार करोड़ रूपए का बोझ बनकर सामने आएगा।

अमरिंदर सिंह ने कहा की इस बजट में एक लाख करोड़ रुपए की रियायतें दी गई हैं जिसका नफा-नुकसान 0.5 प्रतिशत बनता है। लेकिन सरकार ने अतिरिक्त घाटा केवल 0.1 प्रतिशत दिखाया है। इसका मतलब यह है कि बजट में 80,000 करोड़ रुपए के टैक्स लगाए जाएंगे, जिससे आने वाले दिनों में आम लोगों पर और बहुत बोझ पड़ेगा।

वैसे तो प्रधानमंत्री मोदी अपने हर भाषण में भारत के युवाओं और किसानों के बारे में बोलते रहते हैं हमारे देश में युवा ये है… वो है… और न जाने क्या क्या? लेकिन सरकार के  इस बजट में भारत के युवाओं के लिए कुछ भी नहीं है। और अगर किसानो की बात करे तो, सरकार ने इस बजट में किसानो को महीने 500 रुपए जैसी छोटी रकम देकर खिल्ली जरूर उड़ाई है।

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