तीन तलाक़ बिल मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों की दिशा में ऐतिहासिक कदम- मुख्तार अब्बास नकवी

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार का विकास का मसौदा, वोट का सौदा’ नहीं है और सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षो में बिना तुष्टिकरण के सशक्तिकरण की नीति से समाज के हर जरूरतमंद तबके सहित अल्पसंख्यकों की आंखों में खुशी, जिंदगी में खुशहाली सुनिश्चित की है।

पंजाब केसरी के मुताबिक भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए नकवी ने कहा कि वोट के पेशेवर सियासी सौदागरों’ को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समावेशी-सर्वस्पर्शी विकास ने बेचैन कर रखा है।

उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार इक़बाल-इंसाफ़ और ईमान की सरकार’साबित हुई है जिसने बिना तुष्टिकरण के सशक्तिकरण और सम्मान के साथ सशक्तिकरण की नीति से समाज के हर जरूरतमंद तबके सहित अल्पसंख्यकों की आंखों में खुशी, जिंदगी में खुशहाली सुनिश्चित की है।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने जोर दिया कि मोदी सरकार ने धर्म-समुदाय, जात-पात एवं अवरोधकों को हटा कर, विकास का हाईवे बनाया है जिस पर समाज के हर तबके के विकास की गाडी सरपट दौड़ रही है। नकवी ने दावा किया कि चाहे अर्थव्यवस्था हो, विदेश नीति हो या राष्ट्रीय सुरक्षा हो, मोदी सरकार हर मोर्चे पर सफल रही है।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है, जिसका लाभ अल्पसंख्यक समाज के गरीब तबके को भी होगा। लोकसभा द्वारा पारित तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं मुद्रा योजना, उज्ज्वला योजना, जन धन योजना, आयुष्मान भारत योजना जैसे कार्यक्रमों का लाभ भी अल्पसंख्यक समाज के लोगों को हुआ है क्योंकि इस समाज में गरीबी अन्य तबकों के मुकाबले अधिक रही है।

नकवी ने कहा कि सरकार ने समाज के सभी तबकों सहित अल्पसंख्यक वर्ग की प्रतिभाओं के प्रोत्साहन के लिए बड़े पैमाने पर पुख्ता कार्य किए हैं।

अल्पसंख्यक समाज का केंद्र की नौकरियों में भागीदारी जहां 2014 में लगभग साढ़े 4 प्रतिशत थी, वह बढ़ कर लगभग 10 प्रतिशत हो गई है।उन्होंने इस संदर्भ में सीखो ओर कमाओ, उस्ताद, गरीब नवाज कौशल विकास योजना, नई मन्जिल आदि रोजगारपरक कौशल विकास योजनाओं के माध्यम से युवाओं को कौशल विकास एवं रोजगार के के अवसर मुहैय्या कराने का जिक्र किया।

अल्पसंख्यकों के शैक्षिक सशक्तिकरण के प्रयासों का नतीजा है कि अल्पसंख्यक विशेषकर मुस्लिम लड़कियों का स्कूल ड्रॉपआउट रेट जो पहले 70-72 प्रतिशत था, वह अब घटकर लगभग 35 प्रतिशत रह गया है। पिछले लगभग साढ़े 4 वर्षों में विभिन्न छात्रवृति योजनाओं से गरीब, कमजोर अल्पसंख्यक समाज के रिकॉर्ड लगभग 3 करोड 83 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं जिनमे लगभग 60 प्रतिशत छात्राएं शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि पिछली केंद्र सरकार में मात्र 90 जिले अल्पसंख्यकों के विकास हेतु चुने गए थे, वहीँ मोदी सरकार में आजादी के बाद पहली बार देश के 308 जिलों में अल्पसंख्यक समाज विशेषकर लड़कियों की शिक्षा हेतु मूलभूत सुविधाओं के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है।

नकवी ने हज प्रक्रिया में सुधार के फैसले का उल्लेख किया और कहा कि 2018 में आजादी के बाद पहली बार रिकॉर्ड 1 लाख 75 हजार भारतीय मुसलमान बिना सब्सिडी के हज के लिए गए जिनमे लगभग 48 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं।


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