मदरसों और मस्जिदों के चंदे पर ED रखेगी नजर!

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की मस्जिदों और मदरसों की फंडिंग के आरोपितों के विरुद्ध मनी लॉन्डरिंग का शिकंजा कसा चुका है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत जांच आरम्भ कर दी है। ईडी की जांच शुरू होने के पश्चात आतंकी फंडिंग से बने मदरसों और मस्जिदों की संपत्ति को कुर्क करने का रास्ता खुल गया है।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत ईडी को ब्लैक मनी से बनाई गई किसी भी संपत्ति को कुर्क करने का अधिकार है।

दरअसल, गत वर्ष सितंबर में एनआइए ने देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी फंडिंग के माड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।

गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ था कि आतंकी फंडिंग का यह जाल सिर्फ कश्मीर में आतंकियों को धन उपलब्ध कराने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा मस्जिदों और मदरसों के माध्यम से भी देश में कट्टरता फैलाने का षड्यंत्र रच रहा है।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, आतंकी फंडिंग के लिए गिरफ्तार किए गए मुहम्मद सलमान हरियाणा के पलवल जिले के एक ग्राम में स्थित मस्जिद का इमाम भी है। पूछताछ में सलमान ने क़ुबूल किया कि, आतंकी फंडिंग के पैसे का उपयोग उसने मस्जिद और मदरसा निर्माण में किया था। इसके बाद एनआइए ने मस्जिद की तलाशी भी ली थी और कई विवादित दस्तावेज भी जब्त किए थे।


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