कई अंतरराष्ट्रीय समझौतों से निकलने वाले अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फ़ोर्स अर्थात आईएनएफ़ संधि को भी स्थगित करने का एलान कर दिया है।
शीत युद्ध के दौरान हुई परमाणु हथियारों की इस संधि से अमरीका के बाहर निकलने को , परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया के लिए एक बड़ा झटका बताया जा रहा है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप आरोप लगाते रहे हैं कि रूस आईएनएफ़ संधि का कई बार उल्लंघन कर चुका है।
यह संधि शनिवार से स्थगित हो जाएगी और छे महीने बाद अमरीका संधि से बाहर निकल जाएगा। अमरीकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो का दावा है कि कि रूस ने वर्षों तक इस संधि का उल्लंघन करके अमरीका और यूरोप की सुरक्षा को संकट में डाला है।
parstoday.com के मुताबिक अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का भी कहना है कि यह महत्वपूर्ण था कि समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले के सभी पक्ष इस पर अंत तक बने रहते लेकिन एक पक्ष इसका पालन नहीं कर रहा है।
इसी मध्य रूस ने अमरीका के इस निर्णय की आलोचना की है। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमरीका का यह क़दम अंतरराष्ट्रीय क़ानूनी प्रतिबद्धता का हनन है। इसके साथ ही रूस ने अमरीका के इस संदर्भ में आरोपों को निराधार बताया है।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा है कि अमरीका के पास अपने आरोपों के लिए कोई प्रमाण नहीं है। उन्होंने कहा है कि हम यह सुनते आए हैं कि रूस कथित रूप से इस संधि का उल्लंघन कर रहा है, हालांकि रूस निंरतर यह मांग करता रहा है कि आप ट्वीट के अलावा क्या किसी तरह का कोई सुबूत पेश कर पाएंगे ?
इसी मध्य इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्री मुहम्मद जवाद ज़रीफ ने आईएनएफ़ से निकलने के अमरीकी फैसले पर ट्वीट करते हुए कहा है कि एक अन्य समझौते से ट्रम्प सरकार के बाहर निकलने से एक बार फिर यह साबित हो गया कि उन्हें हर उस चीज़ से एलर्जी है जिस पर अमरीका के हस्ताक्षर हों।
उन्होंने कहा है कि डोनाल्ड ट्रम्प यह संदेश दे रहे हैं कि अमरीका के साथ समझौते की , उस पर हस्ताक्षर के लिए प्रयोग की जाने वाली स्याही के जितनी ही क़ीमत नहीं है।
अमरीका के समझौता स्थगित करने के फ़ैसले का नेटो ने भी समर्थन किया है. सन 1987 में तत्कालीन सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोफ और तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति रोनल्ड रीगन ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे।
आईएनएफ़ एक एेसी संधि है जो ज़मीन से मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइलों के परीक्षण और स्थापना को रोकती है। इन मिसाइलों की रेंज 500 से 5500 किलोमीटर तक होती है।
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📢MBK Team | 📰TheSiasatDaily
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