संयुक्त राष्ट्र ने ‘‘जैश-ए-मोहम्मद’’ सरगना मसूद अजहर को बुधवार (1 मई) को ‘‘वैश्विक आतंकवादी’’ घोषित कर दिया। भारत के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। दरअसल, भारत ने इस मुद्दे पर पहली बार एक दशक पहले इस वैश्विक संस्था का रूख किया था। संरा (यूएन) सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के तहत पाकिस्तानी आतंकी संगठन के सरगना को ‘‘काली सूची’’ में डालने के एक प्रस्ताव पर चीन द्वारा अपनी रोक हटा लिए जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने यह घोषणा की। भारत के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।
हालांकि, इस चुनावी मौसम में अजहर मामले में अब राजनीति शुरू हो गई है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने पर खुशी जताई है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे बहुत खुशी है। आखिर कर मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया गया। उधर बीजेपी ने ट्वीट करते हुए कहा, ”भारत को मिली आतंकवाद के खिलाफ ऐतिहासिक सफलता। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पुलवामा आतंकी हमले का दोषी मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित। मोदी है तो मुमकिन है।”
भारत को मिली आतंकवाद के खिलाफ ऐतिहासिक सफलता।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पुलवामा आतंकी हमले का दोषी मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित।
मोदी है तो मुमकिन है। #DeshBoleModiPhirSe pic.twitter.com/ZM8NGGV7nQ
— BJP (@BJP4India) May 1, 2019
इस बीच हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने दावा किया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी बाहरी खतरों से निपटने के लिए सेना को खुली छूट थी। उस दौरान भी कई सर्जिकल स्ट्राइक हुईं। उन्होंने कहा कि हमने सैन्य अभियान भारत विरोधी तत्वों को जवाब देने के लिए किया न कि चुनावी लाभ लेने के लिए। साथ ही सिंह ने कहा कि हमने मुंबई हमले के 14 दिनों के भीतर हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित करा दिया। इसने आज लश्कर को निष्प्रभावी बना दिया है।
हिंदुस्तान टाइम्स से पूर्व पीएम सिंह ने कहा, “तथ्यों की अनुपस्थिति में हर कोई अपने हिसाब से इतिहास का आकलन करता है। मैं इससे सहमत नहीं हूं कि हम सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार नहीं थे। हालांकि विभिन्न भू-राजनीतिक परिस्थितियों के लिए अलग-अलग प्रतिक्रियाओं की आवश्यकता होती है। हमारी प्रतिक्रिया पाकिस्तान को एक आतंकी देश के रूप में अलग-थलग करने और कूटनीतिक रूप से बेनकाब करने की थी। साथ ही आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दबाव बनवाने की थी। हम इसमें सफल भी हुए।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने मुंबई हमले के 14 दिनों के भीतर हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित कराया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई हमलों में शामिल पाकिस्तान स्थित लश्कर के शीर्ष सदस्यों को भी आतंकवादियों के रूप में प्रतिबंध सूची में डाल दिया। इसने आज लश्कर को निष्प्रभावी बना दिया है। 26/11 हमले के बाद कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने तटीय सुरक्षा को मजबूत किया और राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी केंद्र (एनसीटीसी) का विचार रखा। लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विचार का विरोध किया।”
सिंह ने आगे कहा कि हमने नैटग्रिड की भी कल्पना की जो एक एकीकृत इंटेलिजेंस ग्रिड है, जो भारत सरकार की मुख्य सुरक्षा एजेंसियों के डाटाबेस को जोड़ने के लिए है, जो खुफिया के व्यापक पैटर्न को आसानी से एक्सेस कर सकता है। लेकिन मोदी सरकार ने एनसीटीसी और नैटग्रिड को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। बता दें कि मसूद को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित होने के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने खुशी और संतोष जताया। जयपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने इसे बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है। आगे-आगे देखिए क्या होता है।
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📢MBK Team | 📰JantaKaReporter


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