
मोदी सरकार की जीत के बाद अब सभी पार्टिया अगले प्लान के साथ आने की कोशिश में है। सभी जानते है की मोदी सरकार ने किस प्रकार देश वासियों से झूठ के सहारे वोट हासिल किया यहाँ तक EVM धांधली में भी बीजेपी सरकार का नाम काफी समय से रहा है। EVM को लेकर मायावती ने अपना बड़ा बयान जारी किया है। मोदी सरकार पर हमला करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है की चुनाव बैलेट पेपर से कराने चाहिए थे ना की EVM से।
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने चुनाव के नतीजे आने के बाद ईवीएम को लेकर हमला बोलते हुये कहा कि जनता का विश्वास इससे हट गया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन ने जो सीटें यूपी में जीती हैं वहां इन लोगों ने ईवीएम में गड़बड़ी नहीं कराई ताकि जनता को शक न हो।
मायावती का कहना है कि गठबंधन की पार्टियों बसपा, सपा और रालोद के सभी छोटे बड़े कार्यकर्ताओं ने पूरे तन-मन-धन से मेहनत और लगन से लगातार काम किया है। सभी का आभार प्रकट करती हूं खासकर सपा के प्रमुख अखिलेश यादव, रालोद के अजित सिंह ने अपनी पूरी ईमानदारी से काम किया है।
मायावती ने चुनाव के परिणाम आने के बाद शाम को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा की, ‘देश के राजनीतिक इतिहास में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे हैं समाज के दलित उपेक्षित वर्गों की सत्ता में भागीदारी भी बढ़ी है लेकिन इसे भी अब ईवीएम के माध्यम से सत्ताधारी पार्टी ने पूरे तौर से हाईजैक कर लिया है।’
मायावती ने कहा, ‘ईवीएम से चुनाव कराने की यह कैसी व्यवस्था है जिसमें अनेकों प्रमाण हमारे सामने आये हैं इसलिये पूरे देश में ईवीएम का लगातार विरोध हो रहा है, और आज आये नतीजों के बाद से तो जनता का इस पर से काफी कुछ विश्वास ही खत्म हो जायेगा। जबकि इस मामले में देश की अधिकतर पार्टियों का चुनाव आयोग में यह कहना रहा है कि ईवीएम के बजाये बैलट पेपर से चुनाव करायें। चुनाव आयोग और बीजेपी को इस पर आपत्ति क्यों होती है ? न तो चुनाव आयोग तैयार है और न ही बीजेपी मानने को तैयार है तो इसका मतलब कुछ तो गड़बड़ है।’
मायावती ने बातचीत में मिडिया के सामने यह भी कहा की, ”जब मतपत्र की व्यवस्था नहीं है तो जनता ईवीएम में वोट डालती है लेकिन जनता इससे संतुष्ट नहीं है। आज पूरे देश में जनता यह देख रही है और मुझे नहीं लगता कि जिस तरीके के नतीजे देश में आये हैं वह लोगों के गले से नहीं उतर रहा है। अधिकतर सभी पार्टियां चुनाव आयोग से लगातार कह रही हैं कि वह ईवीएम के बजाये मतपत्र से चुनाव करायें तो फिर चुनाव आयोग और बीजेपी को इस पर आपत्ति क्यों हो रही है। जब कोई गड़बड़ नहीं है, दिल में कोई काला नहीं है तो क्यों नही मतपत्र से चुनाव कराये जा रहे हैं।’
मायावती ने कहा, ”चुनावों मतपत्र से कराये जाने की मांग पर माननीय सुप्रीम कोर्ट को भी गंभीरता से विचार करना चाहिए, ऐसी हमारी माननीय सुप्रीम कोर्ट से भी पुरजोर मांग है। ‘अपने गठबंधन के एक रहने का संदेश देते हुये मायावती ने कहा, ‘देश में अप्रत्याशित परिणामों के बारे मे आगामी रणनीति बनाने के लिये हमारे गठबंधन बसपा-सपा और रालोद तथा हमारी तरह पीड़ित अन्य पार्टियों के साथ भी मिलकर आगे की रणनीति तय की जायेगी. ऐसा नहीं कि हम चुप बैठ जायेंगे. बीजेपी के पक्ष में आये अप्रत्याशित चुनावी परिणाम पूरी तरह से आम जनता के गले के नीचे से नही उतर पा रहे है।’
यह बात सच है की बीजेपी की इस जीत को कोई भी गले से निचे नहीं उतार पा रहा है। बीजेपी सरकार के रहते लोगो को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। धर्म, जात-पात और राम मंदिर जैसे मुद्दे को लेकर बीजेपी हमेशा निशाने पर रही है। इन सभी मुद्दों के चलते लोगो में हिंसा जागरूक हुई है। बीजेपी में EVM में हेरा फेरी कर अपनी जीत पक्की की। कई जगहों से EVM में गड़बड़ी की खबरे मिली परन्तु उसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए। यहाँ तक की चुनाव आयोग ने भी कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया।
आखिर ऐसा क्यों हुआ की चुनाव आयोग ने EVM गड़बड़ी को लेकर कोई कदम नहीं उठाये ? क्या चुनाव आयोग भी मोदी की जीत चाहता था।
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