रेप के आरोपी बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नवनिर्वाचित सांसद अतुल राय ने शनिवार (22 जून) को वाराणसी की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बता दें कि, अतुल राय लोकसभा चुनाव प्रचार के समय से ही लापता चल रहे थे।
उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के घोसी लोकसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित सांसद अतुल राय के अदालत में आत्मसमर्पण की भनक लगते ही लंका थाने की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कचहरी के आसपास जाल बिछाया, लेकिन वह असफल रही। अतुल राय वकीलों की पोशाक में उनके साथ अदालत परिसर में दाखिल हुए और न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम) अशुतोष तिवारी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने उसे 14 दिनों की हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। पेशी के पूर्व अतुल राय ने एक वीडियो संदेश के जरिये अदालत पर भरोसा व्यक्त करते हुए पुलिस से निष्पक्ष जांच करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि उन पर लगे आरोप आधारहीन हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान जनता की अदालत ने उन्हें पहले ही बेगुनाह साबित किया हुआ है। घोसी की मां-बहनों ने उन पर भरोसा कर भारी मतों से विजयी बनाकर बता दिया है कि वह उनके लिए कितना सम्मान रखते हैं। संदेश में उन्होंने कहा कि युवती ने जो आरोप लगाया है वह मनगढंत है। वह युवती इसके पहले भी कई लोगों पर इसी प्रकार के गंभीर आरोप लगा चुकी है।
अतुल राय के घोसी लोक सभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद यहां लंका थाने में गत एक मई को दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था, तभी से वह फरार थे। पुलिस ने करीब सप्ताह पहले वाराणसी और गाजीपुर स्थित अतुल राय के आवासों पर कुर्की के नोटिस चस्पा किये हैं। तभी से आत्मसमर्पण की अटकलें लगायी जा रही थीं। अदालती आदेश पर पुलिस ने 14 जून को पड़ोसी जिले गाजीपुर के भांवरकोल क्षेत्र के बीरमपुर और वाराणसी के मंडुवाडीह क्षेत्र के कंचनपुर स्थित नवनिर्वाचित सांसद के आवासों पर कुर्की के नोटिस चस्पा किये गए हैं।
पुलिस के अनुसार, आरोप है कि राजनीति के क्षेत्र में मदद करने का प्रलोभन देकर अतुल राय ने युवती को अपने जाल में फंसाया और फिर कई माह तक ‘ब्लैकमेल’ कर यौन शोषण किया। वर्ष 2018 में मार्च से नवम्बर के दौरान उनके साथ कई बार दुष्कर्म किये गए। विरोध करने पर ‘बुरा अंजाम भुगतने’ की धमकियां दी गईं।
गौरतलब है कि अतुल राय ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। इसके बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। अंतिम चरण में इस वर्ष 19 मई को होने वाले चुनाव से पहले वह सार्वजनिक तौर पर अपना प्रचार करते कभी नहीं देखे गए, लेकिन 23 मई को जब परिणाम घोषित किये गए तो वह 1,22,568 मतों के भारी अंतर से विजयी घोषित किये गए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और तत्कालीन सांसद हरि नारायण राजभर को पराजित किया था। (इंपुट: वार्ता एजेंसी)
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