नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान देश की राजधानी दिल्ली के जामिया नगर इलाके में रविवार (15 दिसंबर) को हुई हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक भी स्टूडेंट नहीं है और सभी आरोपी क्रिमिनल बैकग्राउंड से है। गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। बता दें कि, साउथ दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, जामिया और ओखला इलाके में हुई हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने दो FIR दर्ज की थी।

जामिया

गौरतलब है कि रविवार, 15 दिसंबर को जामिया नगर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया गया था। छात्रों के प्रदर्शन में बाहर के भी कुछ लोग शामिल हुए थे। प्रदर्शन के दौरान पहले प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई। इसके बाद कुछ लोगों ने चार डीटीसी बसों में आग लगा दी थी। आगजनी के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था।

पुलिस जामिया कैंपस में घुस गई थी। आरोप है कि, इस दौरान पुलिस ने छात्र-छात्राओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था। पुलिस पर लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों को पीटने का आरोप लगा था। वहीं, छात्रों पर आरोप लगा था कि उन्होंने हिंसा की। उसी दिन छात्रों ने बयान जारी कर कहा था कि हिंसा में एक भी छात्र शामिल नहीं था। बावजूद इसके पुलिस ने छात्र और छात्राओं की पिटाई की।

वहीं, दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ सोमवार को देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शन का समर्थन नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी करते नजर आए। कहीं-कहीं ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, तो कहीं इसने हिंसक रूप ले लिया। वहीं, विपक्ष ने भी पुलिस एक्शन की कड़ी निंदा की थी।

दिल्ली: जामिया हिंसा मामले में पुलिस ने 10 लोगों को किया गिरफ्तार, आरोपियों में एक भी छात्र नहीं


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