जामिया मिल्लिया इस्मालिया विश्वविद्यालय शुक्रवार को पुलिस और छात्रों के बीच हिंसक झड़प का मैदान बन गया, जहां छात्र नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन करते हुए संसद भवन तक जाना चाह रहे थे। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन मे पुलिस और जामिया मिल्लिया इस्मालिया विश्वविद्यालय छात्रों के बीच हुई इस झड़प के बाद 42 छात्रों को हिरासत में लिया गया है। यह झड़प उस समय हुई जब प्रदर्शनकारियों को विश्वविद्यालय गेट पर रोक दिया गया।

नागरिकता संशोधन कानून
फोटो: सोशल मीडिया

पुलिस के मुताबिक, इस घटना में पुलिस के 12 जवान घायल हुए हैं, जिनमें से दो गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि इस झड़प में करीब 100 छात्र घायल हुए हैं और करीब एक दर्जन छात्र गंभीर रूप से घायल हैं। टकराव बढने के साथ ही आप विधायक अमानतुल्लाह खान मौके पर पहुंचे और हालात को संभालने की कोशिश की।

प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और छात्रों ने आरोप लगाया कि आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। छात्रों ने भी पथराव किया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पहले पुलिस ने पत्थर बरसाए और छात्रों ने जवाब में पथराव की। प्रदर्शनकारी करीब 1000 थे और उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर के गेट नंबर सात से जुलूस निकाला और सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन की ओर बढने लगे।

छात्र गृह मंत्री अमित शाह का काला पुतला भी लिए हुए थे। वे नारे लगा रहे थे- ‘‘एनआरसी हाय हाय’’, ‘‘सीएबी वापस लो’’, ‘‘बीजेपी हाय हाय’’ और ‘‘इंकलाब जिंदाबाद।’’ सोशल मीडिया पर छात्रों ने वीडियो साझा किया है, जिसमें पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करती दिख रही है। पुलिस ने सड़क की घेराबंदी कर दी तो प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ गए। बाद में विश्वविद्यालय के गेट को बंद कर दिया गया।

इस संबंध में एक विधि छात्र ने कहा, ‘‘हम शांतिपूर्ण जुलूस निकाल रहे थे और पुलिस ने हमें जुलूस निकालने से रोका। पहले उन्होंने हमसे पीछे हटने के लिए कहकर लाठियां चलाईं। उसके बाद उन्होंने पत्थर चलाए, जिसके जवाब में छात्रों ने भी पत्थर उठा लिए।’’ एक अन्य छात्र ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पत्थर चलाए और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल भी किया, जिसके चलते कई छात्र घायल हो गए हैं। पुलिस ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया है।

मौके पर उपस्थित एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘छात्रों ने जुलूस शुरू किया। हमने बैरिकेड लगाए थे, जिन्हें उन्होंने तोड़ दिया और ऊपर से कूदने की कोशिश की। इसके बाद उन्होंने हमारे ऊपर पत्थर फेंके, जिसके चलते हमें आंसू गैस के गोले छोड़ने को मजबूर होना पड़ा।’’

दिल्ली पुलिस के परामर्श के बाद ऐहतियात के तौर पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने पटेल चौक और जनपथ मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वारों को बंद कर दिया था, हालांकि करीब एक घंटे बाद मेट्रो स्टेशनों के गेट को खोल दिया गया।

बता दें कि, विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है। विरोध प्रदर्शन के चलते राज्य में यातायात सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं। ट्रेनों के साथ-साथ गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ जाने वाली कई उड़ानें भी रद्द हुई हैं। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार और सोमवार को पूर्वोत्तर के दो राज्यों मेघालय और अरुणाचल प्रदेश का अपना दौरा रद्द कर दिया है। (इंपुट: भाषा के साथ)

नागरिकता संशोधन कानून: प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज, जमकर हुई पत्थरबाजी


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