नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में करीब 59 याचिकाए लगाई गई हैं, जिस पर कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की है। याचिका में कानून के संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जनवरी में याचिका पर सुनवाई करेगा। केंद्र सरकार को जनवरी के दूसरे सप्ताह तक याचिकाओं पर जवाब देना है। मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी 2020 को होगी।
Supreme Court issues notice to the Centre on a batch of pleas challenging the Citizenship (Amendment) Act, 2019. pic.twitter.com/c5zkXh30fQ
— ANI (@ANI) December 18, 2019
A Bench of Chief Justice SA Bobde, Justice BR Gavai and Justice Surya Kant refuses to stay the implementation of the Citizenship (Amendment) Act, 2019. Supreme Court says it will hear the pleas in January. pic.twitter.com/U4Up0yh7T9
— ANI (@ANI) December 18, 2019
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली के जामिया और सीलमपुर समेत कई जगहों पर हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया। इस बाबत दिल्ली नॉर्थ ईस्ट में धारा-144 लागू कर दी गई है। वहीं, कानून को वापस लेने की मांग को लेकर बीएसपी संसदीय दल ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, “हमने राष्ट्रपति से कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम गलत है और अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है। हमने उनसे इसे रद्द करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया है।”
Satish Chandra Mishra, BSP MP after his party's delegation met President Ram Nath Kovind: We also requested to constitute a judicial inquiry to look into the atrocities of police against innocent students across the country. https://t.co/NpGIGFo4f1
— ANI (@ANI) December 18, 2019
नागरिकता संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस
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