नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर गुरुवार को देश के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। कर्नाटक के मंगलौर में हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए कथित तौर पर पुलिस द्वारा चलाई गई गोलियों के कारण दो लोगों की मौत हो गई। वहीं, उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई।

मंगलौर

इस बीच, ख़बर है कि केरल के कुछ स्थानीय समाचार चैनल के पत्रकारों और क्रू मेंबर्स को कर्नाटक के मंगलौर में कथित तौर पर रिपोर्टिंग करने से रोका गया। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल हो रहें एक वीडियो में एक सीनियर पुलिस अधिकारी एक रिपोर्टर को लाइव रिपोर्टिंग करने से रोकते हुए नजर आ रहे हैं। वह रिपोर्टर से आईडी कार्ड की मांग करते हैं। आईडी कार्ड दिखाए जाने के बाद पुलिस अधिकारी पत्रकार से कहते हैं, ‘यह मान्यता प्राप्त नहीं है। सरकार ने इसे जारी नहीं किया है, बाहर निकलो।’

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बताया जा रहा है कि करीब 30 पत्रकारों को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त न होने पर पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। शुक्रवार सुबह मंगलौर पुलिस कमिश्नर के दफ्तर से जारी एक बयान में कहा गया कि कुछ लोग मान्यता प्राप्त पत्रकार नहीं हैं। वह लोग किसी मीडिया संस्थान से जुड़े नहीं हैं और उनकी रिपोर्टिंग सवालों के घेरे में है। वेरिफिकेशन की कार्यवाही किए जाने के बाद उनपर कार्रवाई की जाएगी।

बता दें, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ देश के कई शहरों में गुरुवार को निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन करते हुए छात्रों समेत हजारों की संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए। इस दौरान कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में हिंसा हुई जिनमें तीन लोगों की मौत हो गई। देशभर में सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया है।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन, कवर कर रहे कई पत्रकारों को पुलिस ने हिरासत में लिया, रिपोर्टिंग करने से भी रोका


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