हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक की रेप और हत्या के आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना का हवाला देते हुए देश के पूर्व चीफ जस्टिस (CJI) आरएम लोढ़ा ने मंगलवार को कहा कि देश नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा करने में जूझ रहा है और इस तरह के अपराध समाज में व्याप्त गहरी दुर्भावना को दर्शाते हैं। वहीं, अपराधियों के बर्बर अपराध करने से नहीं डरने और पुलिस मुठभेड़ में चारों आरोपियों के मारे जाने को दुखद बताते हुए पूर्व CJI लोढ़ा ने कहा कि, ‘क्या हम अराजकता वाले समाज की ओर बढ़ रहे हैं।’

हैदराबाद
फाइल फोटो: सोशल मीडिया

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को जला देना और हैदराबाद सामूहिक दुष्कर्म-हत्या मामले में चार आरोपियों के शव, भारत के दो पहलुओं की सटीक तस्वीर पेश करता है। गौरतलब है कि, दोनों न्यायमूर्ति, यहां अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थान द्वारा आयोजित मानवाधिकार दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

जस्टिस लोढ़ा ने कहा, ‘हम मानवाधिकार दिवस मना रहे हैं, दूसरी ओर यह भी तथ्य है कि हम मानवाधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसका स्पष्ट उदाहरण हैदराबाद में पशु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या तथा पुलिस मुठभेड़ में आरोपियों के मामले में देखने को मिलता है।’

लोढ़ा ने कहा, ‘देश के एक हिस्से में हर दिन बलात्कार और हत्या की घटनाएं हो रही हैं या दूसरा इस तरह के अपराध समाज में व्याप्त ‘गहरी दुर्भावना’ को दर्शाते हैं। अपराधी बर्बर अपराध करने से नहीं डर रहे। पुलिसिया मुठभेड़ में चारों आरोपियों का मारा जाना दुखद है। क्या हम अराजकता वाले समाज की ओर बढ़ रहे हैं।

गौरतलब है कि, बीते शुक्रवार को सुबह 5 बजे हैदराबाद के एनएच 44 पर पुलिस ने जांच के दौरान क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए आरोपी को अपराध स्थल पर लाया। पुलिस का कहना है कि यहां पर आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लिए और पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस ने उन्हें चेतावनी देते हुए आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन वे गोलियां चलाते रहे। फिर पुलिस ने गोलाबारी की और चारों मुठभेड़ में मारे गए। (इंपुट: भाषा के साथ)

पूर्व CJI ने हैदराबाद एनकाउंटर पर उठाए सवाल, बोले- ‘क्या हम अराजकता वाले समाज की ओर बढ़ रहे हैं’


http://bit.ly/36mPHwA
📢MBK Team | 📰JantaKaReporter
Share To:

inkPoint Media

Post A Comment: