नागरिकता संशोधन बिल को सांप्रदायिक और असंवैधानिक बताते हुए महाराष्ट्र कैडर के सीनियर आईपीएस अधिकारी ने बुधवार को इस्तीफा देने का फैसला किया है। मुंबई में विशेष पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के रूप में तैनात अब्दुल रहमान ने बयान जारी कर कहा कि वह गुरुवार से कार्यालय नहीं जाएंगे।
गौरतलब है कि, राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे पहले विधेयक को सोमवार को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी थी। महाराष्ट्र कैडर के एक आईपीएस अधिकारी अब्दुर्रहमान ने कहा, “यह विधेयक भारत के धार्मिक बहुलवाद के खिलाफ है। मैं सभी न्यायप्रिय लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे लोकतांत्रिक तरीके से विधेयक का विरोध करें। यह संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है।”
उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि यह बिल संविधान की मूल विशेषताओं के खिलाफ है और वह इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि सविनय अवज्ञा के तहत उन्होंने गुरुवार से ऑफिस न जाने का फैसला किया है।
अब्दुर्रहमान ने कहा कि आखिरकार वह अपनी सर्विस छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बिल सदन में पेश होने के दौरान गृह मंत्री द्वारा गलत तथ्य, तर्क और भ्रामक सूचनाएं दी गईं। इतिहास तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि इस बिल के पीछे की मानसिकता मुस्लिमों में डर फैलाना और देश का विभाजन करना है। उन्होंने ट्वीट के साथ अपना त्यागपत्र भी शेयर किया है।
This Bill is against the religious pluralism of India. I request all justice loving people to oppose the bill in a democratic manner. It runs against the very basic feature of the Constitution. @ndtvindia@IndianExpress #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/1ljyxp585B
— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) December 11, 2019
नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में 105 के मुकाबले 125 मतों से पास हो गया। अब इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून में तब्दील हो जाएगा। बता दें कि, इस बिल को सोमवार रात को लोकसभा से मंजूरी मिली थी। इसे लेकर असम, त्रिपुरा समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ IPS अधिकारी अब्दुल रहमान ने दिया इस्तीफा
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