बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाईटेड (JDU) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और देश के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से नागरिकता संशोधन बिल को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह धर्म के आधार पर प्रताड़ित करने का आधार बनेगा। बता दें कि, जदयू ने संसद के दोनों सदनों में नागरिकता बिल का समर्थन किया।

प्रशांत किशोर
फाइल फोटो

प्रशांत किशोर ने गुरुवार को ट्वीट कर लिखा, “हमें बताया गया था कि नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) नागरिकता प्रदान करने के लिए है और यह किसी से नागरिकता छीनेगा नहीं। हालांकि सच यह है कि यह एनआरसी के साथ मिलकर धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव करने और यहां तक कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार के हाथों में एक घातक हथियार देगा। #NotGivingUp”

बता दें कि, प्रशांत किशोर ने इससे पहले दोनों सदनों में विधेयक का समर्थन करने पर जेडीयू को आड़े हाथ लिया था। प्रशांत किशोर ने बुधवार को ट्विटर पर लिखा था, ‘इस बिल का समर्थन करने से पहले जेडीयू नेतृत्व को उन लोगों के बारे में सोचना चाहिए था, जिन्होंने 2015 में पार्टी पर भरोसा और विश्वास जताया था।’

इसके पहले भी प्रशांत किशोर ने इस बिल को पार्टी को मिले समर्थन पर निराशा जताई थी। प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुआ। यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।’

बता दें कि, नागरिकता संशोधन बिल बुधवार को राज्यसभा से भी गर्मा गरम बहस के बाद पास हो गया। बिल के पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 वोट पड़े। अब इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून में तब्दील हो जाएगा। बता दें कि, इस बिल को सोमवार रात को लोकसभा से मंजूरी मिली थी।

नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन पर JDU में बढ़ रहा मतभेद, प्रशांत किशोर ने फिर खड़े किए सवाल


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