इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच में लगातार 21 ओवर मेडन करने का रिकार्ड बनाने वाले पूर्व भारतीय ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी का शुक्रवार को मुंबई में निधन हो गया। वह 86 साल के थे, उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। उनके निधन पर क्रिकेटर सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर सहित विभिन्न क्षेत्र की हस्तियों ने शोक जताया है।
नाडकर्णी के दामाद विजय खरे ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘‘उनका उम्र संबंधी परेशानियों के कारण निधन हुआ। ’’ नाडकर्णी बायें हाथ के बल्लेबाज और बायें हाथ के स्पिनर थे। उन्होंने भारत की तरफ से 41 टेस्ट मैचों में 1414 रन बनाये और 88 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 43 रन देकर छह विकेट रहा। वह मुंबई के शीर्ष क्रिकेटरों में शामिल थे। उन्होंने 191 प्रथम श्रेणी मैच खेले जिसमें 500 विकेट लिये और 8880 रन बनाए।
नासिक में जन्में नाडकर्णी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दिल्ली में 1955 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच भी इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 1968 में एमएके पटौदी की अगुवाई में आकलैंड में खेला था। उन्हें हालांकि लगातार 21 ओवर मेडन करने के लिये याद किया जाता है। मद्रास (अब चेन्नई) टेस्ट मैच में उनका गेंदबाजी विश्लेषण 32-27-5-0 था। उन्हें किफायती गेंदबाजी करने के लिए जाना जाता था। पाकिस्तान के खिलाफ 1960-61 में कानपुर में उनका गेंदबाजी विश्लेषण 32-24-23-0 और दिल्ली में 34-24-24-1 था।
उनके निधन पर सचिन तेंदुलकरने ट्वीट किया, ‘‘श्री बापू नाडकणी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। मैं उनके लगातार 21 ओवर मैडन कराने के रिकॉर्ड को सुनकर बड़ा हुआ। मेरी संवदेनाएं उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति है।गावस्कर ने कहा, ‘‘कई दौरों में सहायक प्रबंधक के रूप में साथ आए। वह बहुत ही प्रोत्साहित करने वाले थे। उनका प्रिय वाक्य था ‘छोड़ो मत’। वह दृढ़ क्रिकेटर थे, जिन्होंने तब खेला जब ग्लव्ज और थाई पैड अच्छे नहीं होते थे, गेंद लगने से बचाने के लिए सुरक्षा उपकरण नहीं थे लेकिन इसके बावजूद वह ‘छोड़ो मत’ पर विश्वास करते थे।”
नाडकणी के निधन पर बीसीसीआई के सचिव जय शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राकांपा अध्यक्ष और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार ने भी शोक व्यक्त किया।
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