भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और एक मुस्लिम छात्र के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। छात्र ने सोशल मीडिया पर भाजपा सांसद सुप्रियो से उनका ”शैक्षिक स्तर” पूछा था जिस पर सुप्रियो ने उसे ”उसके देश” भेजने की धमकी दी।
छात्र मुस्तफिजुर रहमान ने शुक्रवार (3 जनवरी) को कहा कि वह केवल यह चाहता है कि भाजपा नेता बिना शर्त सार्वजनिक रूप से उससे माफी मांगें। इसके जवाब में सुप्रियो ने उस युवक को ”आदतन अपराधी” बताते हुए कहा कि उन्हें ”मूर्खों से माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है।” सुप्रियो ने यह भी कहा कि उनकी टिप्पणी का छात्र के धर्म से कोई लेना-देना नहीं था।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्लिम छात्र और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के बीच बहसबाजी का यह दौर उस वक्त शुरू हुआ जब 26 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का बचाव करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने यादवपुर विश्वविद्यालय की उस छात्रा की आलोचना की, जिसने 24 दिसंबर को विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त करते समय विवादित कानून का पहला पन्ना फाड़ दिया था।
इसके अगले दिन रहमान ने सुप्रियो की फेसबुक पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए सुप्रियो और पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रमुख दिलीप घोष की शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाए। रहमान ने सुप्रियो की पोस्ट पर टिप्पणी की, “बाबुल-दा (दादा) आप कैसे पढ़े-लिखे लोग हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आपके वरिष्ठ (प्रदेश अध्यक्ष) दिलीप घोष गाय के दूध में सोना ढूंढते हैं।’’ इस पर सुप्रियो ने जवाब दिया, “मुजफ्फर रहमान पहले तुम्हें तुम्हारे देश भेज दूं, फिर तुम्हारे सवाल का जवाब पोस्टकार्ड से दूंगा।”
वीरभूम जिले के इलमबाजार के एक कॉलेज में रसायनशास्त्र के अंतिम वर्ष के छात्र रहमान ने कहा, ”मेरे पास मेरी भारतीय और बंगाली पहचान से जुड़े पर्याप्त प्रमाण हैं। आप नहीं जानते कि बंगालियों का सम्मान कैसे करें, फिर भी आप राज्य से सांसद हैं… क्या आप नियमित रूप से गोमूत्र पीते हैं?”
27 दिसंबर को टिप्पणियों की स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ‘जाति बांग्ला सम्मेलन’ जैसे कई संगठन और सोशल मीडिया पर लोग छात्र के समर्थन में आ गए। बाबुल सुप्रियो और मुस्लिम छात्र के बीच हुई नोकझोंक पर यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
रहमान ने पीटीआई (भाषा) से कहा, “मैंने केवल एक टिप्पणी की थी कि क्या बाबुल सुप्रियो और दिलीप घोष जैसे लोगों को एक शैक्षणिक संस्थान के वार्षिक दीक्षांत समारोह में सीएए के विरोध में स्वर्ण पदक विजेता के व्यक्तिगत निर्णय के बारे में प्रतिकूल टिप्पणी करने का कोई अधिकार है।” रहमान ने सुप्रियो की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा, “संविधान की रक्षा की शपथ लेने वाले मंत्री ने अपमानजनक टिप्पणी की। वह 130 करोड़ भारतीयों के साथ जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते।”
रहमान द्वारा माफी की मांग करने पर सुप्रियो ने उसे सोशल मीडिया पर “आदतन अपराधी” करार दिया। उन्होंने कहा, “वह (रहमान) मुझसे जो चाहे, कह सकता है। मैंने बिल्कुल स्पष्ट टिप्पणी की थी। जो लोग मूर्ख हैं वे मेरी टिप्पणी को समझ नहीं पाए। उसका हिंदुओं या मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं था। मुझे मूर्खों से माफी मांगने की जरूरत नहीं है।”
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