उत्तरपूर्वी दिल्ली में मंगलवार (25 फरवरी) को नए सिरे से हिंसा भड़क गई जिसमें मृतक संख्या बढ़कर 13 हो गई है। पुलिस भीड़ पर काबू पाने की जद्दोजेहद में लगी रही जो गलियों में घूम रही थी। भीड़ में शामिल लोग दुकानों को आग लगा रहे थे, पथराव कर रहे थे और वे स्थानीय लोगों के साथ मारपीट कर रहे थे।

हिंसा

इस बीच, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी निजी सेटेलाइट टीवी चैनलों को परामर्श जारी कर उनसे वैसी सामग्री के प्रति सावधानी बतरने को कहा जिनसे हिंसा फैलती हो या राष्ट्रविरोधी दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलता हो। मंगलवार को उत्तर पूर्व दिल्ली में फिर हिंसा हुई जिसमें छह और लोगों की जान चली गई एवं संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुए सांप्रदायिक संघर्षों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई।

परामर्श में कहा गया है, ‘‘यह दोहराया जाता है कि सभी टीवी चैनल को सलाह है कि वे किसी भी वैसी सामग्री को लेकर सावधानी बरतें जिनसे हिंसा भड़क सकती है या जिसमें कानून व्यवस्था के विरूद्ध कुछ हो या जो राष्ट्रविरोधी दृष्टिकोण को बढ़ावा देता हो।’’ परामर्श में टीवी चैनलों को धर्म या समुदाय पर हमला करने वाली सामग्री से भी परहेज करने को कहा गया है।

दिल्ली के उत्तरपूर्वी इलाके में तनाव के दूसरे दिन हिंसा चांदबाग और भजनपुरा सहित कई क्षेत्रों में फैल गई। इस दौरान पथराव किया गया, दुकानों को आग लगायी गयी। दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकल वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी और मौजपुर और अन्य स्थानों पर अपने रास्ते में आने वाले फल की गाड़ियों, रिक्शा और अन्य चीजों को आग लगा दी। पुलिस ने दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इन दंगाइयों ने अपने हाथों में हथियार, पत्थर, रॉड और तलवारें भी ली हुई थीं। कई ने हेलमेट पहन रखे थे। (इंपुट: भाषा के साथ)

दिल्ली हिंसा: मंत्रालय ने चैनलों को हिंसा फैलाने वाली सामग्री को लेकर चेताया


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