लखनऊ की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 2011 में लखीमपुर खीरी जिले के निघासन थाने के अंदर एक किशोरी से बलात्कार और उसकी हत्या कर दिए जाने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के तत्कालीन पुलिस कांस्टेबल अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई प्रवक्ता आर के गौर ने बताया कि अदालत ने इस मामले में तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक (डिप्टी एसपी) इनायत उल्लाह खान को भी पांच साल की कैद की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश ने अहमद पर एक लाख रूपये और खान पर 50,000 रूपये का जुर्माना भी लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई ने उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर 20 दिसंबर, 2011 को मामला दर्ज किया था और निघासन थाने के अंदर किशोरी के साथ बलात्कार एवं उसकी हत्या के आरोप पर थाने में पहले से से दर्ज की गई प्राथमिकी के मामले में जांच अपने हाथ में ले ली थी।’’

प्रवक्ता के अनुसार इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था लेकिन अदालत ने दो को बरी कर दिया। फैसले में, अदालत ने कांस्टेबल अहमद को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूतों के गायब होने) के तहत दोषी पाया। अदालत ने 24 फरवरी को दोनों अभियुक्तों को दोषी ठहराया था और सजा सुनाने के लिए शुक्रवार का दिन तय किया था।

10 जून, 2011 को 14 वर्षीय किशोरी की मां ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उसकी बेटी भैंस को चराने के लिए खेत ले गई थी, उसी बीच भैंस थाना परिसर में चली गई। जब काफी देर तक लड़की नहीं लौटी तब उसकी मां थाने में गई। उसने अपने बेटी के शव को पेड़ से लटका पाया। मां ने बेटी के शरीर पर जख्म के निशान देखे और ऐसा लग रहा था कि उसके साथ बलात्कार किया गया है लेकिन उसे आत्महत्या की शक्ल देने के लिए उसे फांसी के फंदे से लटका दिया गया।

उत्तर प्रदेश: थाने में नाबालिग लड़की से बलात्कार एवं हत्या के मामले में पुलिस कांस्टेबल को उम्रकैद


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