गुजरात में एक मुस्लिम संगठन ने आरोप लगाया है कि सूरत के प्रभारी पुलिस आयुक्त डी एन पटेल ने उनके प्रतिनिधियों को ‘‘पाकिस्तानी और बांग्लादेशी’’ कहा, जब वे हाल ही में शहर में चल रहे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) प्रदर्शन को लेकर उनसे मिलने गए थे।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, संपर्क करने पर पटेल ने इस आरोप पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह सरकार को अपना जवाब देंगे। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और राज्य के गृह विभाग को 28 फरवरी को ई-मेल किए गए एक पत्र में, जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद की राज्य इकाई ने आरोप लगाया कि वे सूरत के रांदेर इलाके में शिरीन बाग में चल रहे सीएए-विरोधी प्रदर्शन को लेकर पटेल से मिलने गए तो उन्होंने उनके प्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार किया।
सूरत के पुलिस आयुक्त (सीपी) आर बी ब्रह्मभट्ट फिलहाल छुट्टी पर हैं। उनकी अनुपस्थिति में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पटेल पुलिस आयुक्त का प्रभार संभाल रहे हैं।
जमीयत ने दावा किया कि दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर, महिलाएं पिछले 22 दिनों से शांतिपूर्ण तरीके से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के खिलाफ धरना दे रही हैं। पत्र में, संगठन ने आरोप लगाया कि उसका प्रतिनिधिमंडल पटेल से मिलने के लिए गया था ताकि वह आंदोलनकारी महिलाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न करने का अनुरोध कर सके।
पत्र में कहा गया है, “जब हम उनसे इस शांतिपूर्ण विरोध को जारी रखने का अनुरोध करने गए, तो उन्होंने हमारा अपमान किया और प्रतिनिधिमंडल को पाकिस्तानी और बांग्लादेशी करार दिया। हम आपसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं कि अधिकारी नागरिकों के बीच भेदभाव न करें और लोगों के साथ उचित व्यवहार करें।”
पटेल ने कहा कि वह आरोपों पर सीधे सरकार को अपना जवाब देंगे। पटेल ने कहा, “मुझे नहीं कहना है कि वे क्या कहना चाहते हैं। जब समय आएगा, मैं अपना जवाब सरकार को दूंगा।”
गुजरात पुलिस पर मुस्लिम संगठन के सदस्यों को ‘पाकिस्तानी और बांग्लादेशी’ कहने का आरोप
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