लॉकडाउन की वजह से गुजरात के सूरत में फंसे सैकड़ों प्रवासी मजदूर शुक्रवार देर रात उग्र हो गए और सड़कों पर उतर आए। इस दौरान इन मजदूरों ने तोड़फोड़ की और वाहनों को आग लगा दी। हालांकि, जानकारी मिलते ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया और स्थिति पर काबू पा लिया गया। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि ये लोग अपने घर लौटने के लिए इंतजाम करने की मांग कर रहे हैं और अपना देय भुगतान भी जल्द दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस ने कहा कि शुक्रवार रात सूरत के लसगण इलाके में अनेक लोग सड़कों पर उतर आए और ठेलों में आग लगा दी। उन्होंने मांग की कि उन्हें अपने गृह स्थान जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। अधिकारियों ने कहा कि हालात काबू में हैं। पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन में शामिल कुछ प्रवासी कामगारों को हिरासत में भी लिया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए कामगार अपने-अपने गांव जाने की इजाजत देने की मांग कर रहे थे।
सड़कों पर उतरे ये प्रवासी मजदूर लगातार अपने घरों को लौटने के लिए समुचित व्यवस्था किए जाने और उनके बकाये का जल्द से जल्द भुगतान करने की मांग कर रहे थे। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि, सैकड़ों की संख्या में लोग देर रात सड़क पर हंगामा कर रहे हैं।
बता दें कि, कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गई है, जिसकी अवधि 14 अप्रैल को पूरी हो रही है। कोरोना के बढ़ते कहर के चलते देश में स्थिति दिन पर दिन गंभीर होती जा रही है। जहां एक ओर बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए केंद्र सरकार भी राज्य सरकारों की सहमति से लॉक डाउन की अवधि बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। वहीं दूसरी ओर पंजाब और ओडिशा में लॉक डाउन की अवधि बड़ा कर 30 अप्रैल तक कर दी गई है।
शुक्रवार शाम स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आकंड़ों के अनुसार इस भयानक वायरस के कारण अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं संक्रमितों की संख्या 7000 के पार पहुंच गई है। भारत ही इस वायरस की चपेट में नहीं है बल्कि संपूर्ण विश्व इस खतरनाक बीमारी के खिलाफ जंग लड़ रहा है।
गुजरात: सूरत में लॉकडाउन से परेशान प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतरे, वाहनों में तोड़फोड़ कर लगाई आग
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