A biography of Watercolor Artist Moazzambeg Mirza
Liquor tycoon Vijay Mallya loses his High Court appeal in UK against his extradition order to India, reports PTI
Tina Ambani pens emotional note for Mukesh Ambani on birthday days after writing heartfelt note for Akash Ambani and Shloka Mehta
“इसमें भी हिंदू-मुसलमान एंगल ना ढूँढे”, पालघर मॉब लिंचिंग की घटना पर बोले अनुराग कश्यप
Video of currency notes in Indore falsely viral as ‘Muslim conspiracy’ to spread coronavirus
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला के अंतिम दिन बुधवार (19 सितंबर) को सवालों के जवाब देते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई मुद्दों पर विचार रखे। इस दौरान उत्तर प्रदेश चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कब्रिस्तान और श्मशान को लेकर दिए गए बयान पर मोहन भागवत ने इशारों-इशारों में पलटवार किया है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तीन दिवसीय सम्मेलन के आखिरी दिन उन्होंने विभिन्न विवादास्पद विषयों पर लिखित सवालों का जवाब दिया। इनमें अंतर जातीय विवाह, शिक्षा नीति, महिलाओं के खिलाफ अपराध, गौरक्षा जैसे मुद्दे भी शामिल थे। उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे पर वार्ता का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम निर्णय राम मन्दिर समिति को करना है जो राम मन्दिर के निर्माण के लिए अभियान की अगुवाई कर रही है।
इस दौरान उनसे पूछा गया कि राजनीति में श्मशान, कब्रिस्तान, भगवा आतंकवाद जैसे शब्दों को आप कैसे देखते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राजनीति में ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए और जब राजनीति अपने उद्देश्य से भटकती है, तभी ऐसी बातें होती हैं।
नवभारत टाइम्स के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘राजनीति लोककल्याण के लिए चलनी चाहिए। लोककल्याण का माध्यम सत्ता होता है। अगर राजनीतिक वर्ग के लोग ऐसे चलने लगें तो फिर श्मशान, कब्रिस्तान, भगवा आतंकवाद जैसी बातें होंगी ही नहीं। ये सारी बातें तब होती हैं, जब राजनीति केवल सत्ता के लिए चलती है। जो लोग राजनीति में हैं उनका उस तरह का प्रशिक्षण होने की जरूरत है।’ जानकारों का कहना है कि संघ प्रमुख ने इस सवाल का जिस प्रकार से जवाब दिया वह सीधे तौर पर पीएम मोदी के बयान की निंदा के रूप में देखा जा रहा है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल फरवरी विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सीएम अखिलेश यादव पर भेदभाव का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, ‘अगर गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए। रमजान में बिजली मिलती है तो दीवाली में भी मिलनी चाहिए। होली में बिजली मिलती है तो ईद पर भी मिलनी चाहिए। कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। सरकार का काम है भेदभाव मुक्त शासन चलाने का। किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए, धर्म और जाति के आधार पर बिल्कुल नहीं।’
RSS प्रमुख द्वारा कही गई प्रमुख बातें
- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने देश में आबादी का संतुलन कायम रखने के लिए एक नीति बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसके दायरे में समाज के सभी वर्ग होने चाहिए। उन्होंने कहा कि शुरूआत उन लोगों से की जानी चाहिए जिनके अधिक बच्चे हैं और उनके पालन-पोषण के लिए सीमित साधन हैं।
- भागवत ने विभिन्न समुदायों के लिए आरक्षण की वर्तमान व्यवस्था का पुरजोर समर्थन किया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
- उन्होंने दावा किया कि विश्व भर में हिन्दुत्व की स्वीकार्यता बढ़ रही है जो उनके संगठन की आधारभूत विचारधारा है। उन्होंने कहा कि इसके विरूद्ध भारत में उन विभिन्न गलत चलनों के कारण क्रोध है जो पिछले कई वर्षों में इसमें आ गये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संघ उन्हें समाप्त करने के लिए काम कर रहा है।
- भारत के विभिन्न भागों में बदल रहे आबादी के संतुलन और घटती हिन्दू आबादी के बारे में एक प्रश्न पर आरएसएस प्रमुख ने कहा कि विश्व भर में आबादी संतुलन को महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे यहां भी कायम रखा जाना चाहिए।उन्होंने कहा, ‘‘इसे ध्यान में रखते हुए जनसंख्या पर एक नीति तैयार की जानी चाहिए।’’ अगले 50 वर्षों में देश की संभावित आबादी और इस संख्या बल के अनुरूप संसाधनों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
- धर्मान्तरण के विरूद्ध भागवत ने कहा कि यह सदैव दुर्भावनाओं के साथ करवाया जाता है तथा इससे आबादी का असंतुलन भी होता है।
- आरएसएस प्रमुख ने गायों की रक्षा का समर्थन करने के बावजूद यह नसीहत भी दी कि गौरक्षा के नाम पर कानून के विरूद्ध नहीं जाया जा सकता। उन्होंने कहा कि कानून को अपने हाथ में ले लेना एक अपराध है और ऐसे मामलों में कठोर दंड होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमें दोमुंही बातों को भी नकारना चाहिए क्योंकि गौ तस्करों द्वारा की जाने वाली हिंसा पर कोई नहीं बोलता।’’ उनसे देश में भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या करने तथा गौरक्षा के नाम पर हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बारे में पूछा गया था।
- अंतर जातीय विवाह के बारे में पूछे जाने पर भागवत ने कहा कि संघ इस तरह के विवाह का समर्थन करता है तथा यदि अंतर जातीय विवाहों के बारे में गणना करायी जाये तो सबसे अधिक संख्या में संघ से जुड़े लोगों को पाया जाएगा।
- महिलाओं के विरूद्ध अपराध के बारे में अपनी उद्धिग्नता को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा माहौल तैयार किया जाना चाहिए जहां वे सुरक्षित महसूस कर सकें।
- एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि लोगों को किसी भी तरह के भेदभाव से बचाने की जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की है। उन्होंने यह भी कहा कि एलजीबीटीक्यू को अलग थलग नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वे भी समाज का अंग हैं।
- भागवत ने कहा कि संघ अंग्रेजी सहित किसी भी भाषा का विरोधी नहीं है किन्तु उसे उसका उचित स्थान मिलना चाहिए। उनका संकेत था कि अंग्रेजी किसी भारतीय भाषा का स्थान नहीं ले सकती। संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘आपको अंग्रेजी सहित किसी भी भाषा का विरोध नहीं करना चाहिए और इसे हटाया नहीं जाना चाहिए…हमारी अंग्रेसी से कोई शत्रुता नहीं है। हमें योग्य अंग्रेजी वक्ताओं की आवश्यकता है।’’
- अन्य मुद्दों पर पूछे गये सवालों के उत्तर में उन्होंने जम्मू कश्मीर का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस संविधान के अनुच्छेद 370 एवं 35 ए स्वीकार नहीं करता।
- संविधान का अनुच्छेद 370 राज्य की स्वायत्तता के बारे में है जबकि अनुच्छेद 35 ए राज्य विधानसभा को यह अनुमति देता है कि वह राज्य के स्थायी निवासियों को परिभाषित करे।
- मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मन्दिर का शीघ्र निर्माण होना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर वार्ता का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम निर्णय राम मन्दिर समिति को करना है जो राम मन्दिर के निर्माण के लिए अभियान की अगुवाई कर रही है। संघ प्रमुख ने कहा कि उन्हें यह नहीं मालूम कि राम मंदिर के लिए अध्यादेश जारी किया जा सकता है क्योंकि वह सरकार के अंग नहीं हैं। उन्होंने कहा कि क्या अध्यादेश जारी किया जा सकता है और इसे कानूनी चुनौती मिल सकती है…ऐसे मुद्दों पर विचार किया जाना चाहिए।
पीएम मोदी के श्मशान-कब्रिस्तान वाले बयान पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने साधा निशाना!
from Janta Ka Reporter 2.0 https://ift.tt/2MQnfsG
via © inkPointMedia
Post A Comment: