अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने भारत में जन्मीं अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ को मुख्य अर्थशास्त्री नियुक्त किया है।आईएमएफ ने एक बयान के अनुसार गोपीनाथ मारीस ओब्स्टफील्ड का स्थान लेंगी। ओब्स्टफील्ड 2018 के अंत में सेवानिवृत्त होंगे। गीता गोपीनाथ फिलहाल हार्वर्ड विश्विद्यालय में प्रोफेसर हैं।

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा, ‘‘गोपीनाथ दुनिया की बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक है…उनके पास उम्दा शैक्षणिक योग्यता के साथ व्यापक अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी है।’’ गोपीनाथ ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और दिल्ली स्कूल ऑफ एकोनामिक्स तथा यूनिवर्सिटी आफ वाशिंगटन से एमए की डिग्री हासिल की। उसके बाद उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्रिंसटन विश्विद्यालय से 2001 में प्राप्त की।

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार उस समय गीता ने कहा था कि ये पद मिलने के बाद वो सम्मानित महसूस कर रही हैं। वह केरल के मुख्यमंत्री की वित्तीय सलाहकार भी रह चुकी हैं। गीता का जन्म केरल में ही हुआ था। जब केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गीता की नियुक्ति की थी तो उस समय उन्हीं की पार्टी के कुछ लोग नाराज भी हुए थे। गीता गोपीनाथ अमेरिकी आर्थिक समीक्षा, अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र जर्नल से जुड़ी रही हैं।

आईएमएफ ने एक बयान के अनुसार गोपीनाथ मारीस ओब्स्टफील्ड का स्थान लेंगी। ओब्स्टफील्ड 2018 के अंत में सेवानिवृत्त होंगे। आईएमएफ में इस पद पर पहुंचने वाली गीता दूसरी भारतीय हैं। उनसे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी आईएमएफ में प्रमुख अर्थशास्त्री रह चुके हैं।

क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा, ‘गीता दुनिया की बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक हैं। उनका अकादमिक प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इसलिए वह इस महत्वपूर्ण मोड़ पर हमारे अनुसंधान विभाग का नेतृत्व करने के लिए बिल्कुल योग्य हैं। मुझे ऐसे व्यक्ति को अर्थशास्त्री बनाने की खुशी है।’ गीता गोपीनाथ विनिमय दरों, व्यापार और निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मौद्रिक नीति और उभरते बाजारों के संकट पर 40 अनुसंधान लेख प्रकाशित कर चुकी हैं।

जानें कौन हैं IMF की मुख्य अर्थशास्त्री बनीं भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ


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