महाराष्ट्र में 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल विस्तार के छह दिन बाद रविवार (5 जनवरी) को महा विकास अघाड़ी के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रियों को विभाग आवंटित कर दिए। प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी इस पर मुहर लाग दी है। गृह, वित्त, रेवेन्यू, हाउसिंग, पब्लिक वर्क और वाटर रिसोर्स जैसे महत्वपूर्ण विभाग एनसीपी और कांग्रेस के पास गए हैं। ख़बरों के मुताबिक, शिवसेना के कई दिग्गज नेता विभाग के बंटवारे से खुश नहीं हैं। राज्य में सरकार बनने और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद महा अघाड़ी के तीनों दलों के बीच लंबी बातचीत के बाद सरकार के विभाग बांटे गए हैं।
उद्धव सरकार में उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार नए वित्त मंत्री हैं और राकांपा के एक अन्य नेता अनिल देशमुख गृह मंत्री होंगे। इसके अलावा शिवसेना के नेता और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को पर्यटन और पर्यावरण तथा पर्यटन मंत्रालय दिया गया है। वहीं, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय मिला है। वहीं, शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई उद्योग मंत्रालय संभालेंगे।
वहीं, कांग्रेस पार्टी से विधायक और सीनियर नेता बालासाहेब थोराट नए राजस्व मंत्री होंगे और नितिन राउत ऊर्जा विभाग संभालेंगे। इसके अलावा नितिन राउत को ऊर्जा विभाग संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) दिया गया है।
सीएम उद्धव ठाकरे के पास जनरल एडमिनिस्ट्रेशन मंत्रालय, सूचना और प्रौद्योगिकी, सूचना और जनसंपर्क, कानून और न्यायपालिका तथा अन्य विभाग आए हैं जिन्हें किसी अन्य मंत्री को आवंटित नहीं किया गया है।
Maharashtra: CM Uddhav Thackeray will hold the charge of Ministry of General Administration, Information&Technology, Information&Public Relations, Law&Judiciary and other departments which have not been allocated to any other Minister. (File pic) pic.twitter.com/YMTbZclQKT
— ANI (@ANI) January 5, 2020
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बंटवारे से शिवसेना विधायक खुश नहीं हैं। करीब दर्जनभर शिवसेना विधायक मंत्रिमंडल पद नहीं मिलने से नाराज हैं। वहीं, कई विधायकों ने कम ओहदे के कारण आपत्ति जताई है। ख़बरों के मुताबिक, शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत भी नाराज बताए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि, राज्य में विपक्षी भाजपा एक महीने से अधिक समय से सत्ता में होने के बावजूद विभागों के आवंटन में देरी के लिए महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार को निशाना बना रही थी। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के दो-दो सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 28 नवम्बर को शपथ ली थी। इसके बाद 30 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था।
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