उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) को लेकर भड़की साम्प्रदायिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को सीएए समर्थकों और सीएए विरोधियों के बीच हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 पर पहुंच गई है। वहीं, इस साम्प्रदायिक हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेना को बुलाने की मांग की है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं और दिल्ली पुलिस हिंसा पर काबू नहीं पा रही है।

अरविंद केजरीवाल
फाइल फोटो

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (26 फरवरी) को ट्वीट कर लिखा, “मैं पूरी रात बहुत-से लोगों के साथ संपर्क में रहा हूं। हालात चिंताजनक हैं। पूरी कोशिशों के बावजूद पुलिस हालात पर काबू पाने और भरोसा पैदा करने में नाकाम रही है। सेना को बुलाया जाना चाहिए, और शेष प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया जाना चाहिए। मैं इस सिलसिले में गृहमंत्री को लिख रहा हूं।”

पुलिस और अर्ध सैनिक बल के जवानों ने आज सुबह मौजपुर से गोकुलपुरी के इलाके में फ्लैग मार्च कर लोगों में विश्वास पैदा करने का प्रयास किया। पुलिस ने लोगों को अपने घरों में रहने की सलाह दी। कल रात से कोई बड़ी घटना की सूचना नहीं है। हिंसा की घटनाओं में अब तक 20 लोगों की मौत हो गयी है और बड़ी संख्या में लोग अस्पतालों में भर्ती है। हिंसा की घटनाओं में एक पुलिसकर्मी की भी मौत हुई है।

बता दें कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और गृहमंत्री अमित शाह की मंगलवार को अहम बैठक भी हुई थी। दोनों ने दिल्ली के हालात पर चर्चा की थी। शाह के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा था बैठक साकारात्मक रही और हिंसा को रोकने के लिए सभी जरूरी उपायों को उठाने के बारे में चर्चा हुई। दिल्ली पुलिस को शांति स्थापित करने और कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात करने के लिए कहा गया है। लेकिन उसके बाद भी देर शाम तक हालात नहीं सुधरे।

गौरतलब है कि, बीते दिन राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरपूर्वी इलाके में चांदबाग और भजनपुरा सहित कई क्षेत्रों में हिंसा फैली थी। इस दौरान पथराव किया गया, दुकानों को आग लगाई गई। दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकल वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी और मौजपुर और अन्य स्थानों पर अपने रास्ते में आने वाले फल की गाड़ियों, रिक्शा और अन्य चीजों को आग लगा दी। पुलिस ने दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इन दंगाइयों ने अपने हाथों में हथियार, पत्थर, रॉड और तलवारें भी ली हुई थीं। कई ने हेलमेट पहन रखे थे।

उत्तरपूर्वी दिल्ली हिंसा: सीएम केजरीवाल बोले- हालात चिंताजनक, सेना को बुलाकर प्रभावित इलाकों में लगाया जाए कर्फ्यू


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