कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने को लेकर सोमवार को कटाक्ष किया और कहा कि तस्वीरें सब कुछ बयां करती हैं। गोगोई को राज्यसभा भेजे जाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस नेता शशि थरूर, भजापा के पूर्व नेता यसवंत सिन्हा समेत कई नेताओं ने सवाल उठाए हैं।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर दो खबरें शेयर करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने जो खबरें शेयर की हैं उनमें से एक में गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किये जाने की है और दूसरी में कहा गया है कि न्यायपालिका पर जनता का विश्वास कम होता जा रहा है। सुरजेवाला ने ये खबरें शेयर करते हुए कहा, ”तस्वीरें सब कुछ बयां करती हैं।”
वहीं, एक अन्य ट्वीट में रणदीप सुरजेवाला ने गोगोई का नाम लिए बगैर ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, “नमो संदेश -: या तो राज्यपाल, चेयरमैन और राज्यसभा। वरना तबादले झेलो या इस्तीफ़े देकर घर जाओ।”
नमो संदेश -:
या तो राज्यपाल, चेयरमैन और राज्यसभा।
वरना तबादले झेलो या इस्तीफ़े देकर घर जाओ। pic.twitter.com/fOd7yeH1jf
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 16, 2020
वही, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘जजों के रिटायरमेंट के बाद उन्हें कोई पद दिए जाने पर पूर्व कनून मंत्री अरुण जेटली और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी के पुराने बयान पर गौर किया जा जाना चाहिए।’
Instructive to recall the views of former Law Minister @arunjaitley & former BJP President @nitin_gadkari on the issue of post-retirement appointments for judges: https://t.co/H2pIwWD63l
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 16, 2020
वहीं, कांग्रेस नेता संजय झा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया। नो कमेंट्स।’
Ranjan Gogoi nominated to Rajya Sabha.
No comments.
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) March 16, 2020
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने ट्वीट में लिखा, “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। (सुभाष चंद्र बोस) तुम मेरे हक़ में वैचारिक फैसला दो मैं तुम्हें राज्यसभा सीट दूंगा।”
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा | (सुभाष चंद्र बोस )
तुम मेरे हक़ में वैचारिक फैसला दो मैं तुम्हें #राज्यसभा सीट दूंगा | ( #भाजपा ) #RanjanGogoi #ChiefJusticeofIndia #RajyaSabha— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) March 16, 2020
भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मुझे उम्मीद है कि पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई राज्यसभा सीट की पेशकश को ठुकरा देंगे अन्यथा वह न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएंगे।’
I hope ex-cji Ranjan Gogoi would have the good sense to say 'NO' to the offer of Rajya Sabha seat to him. Otherwise he will cause incalculable damage to the reputation of the judiciary.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) March 16, 2020
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने ट्वीट कर कहा, ‘यह मत भूलिए कि वह (रंजन गोगोई) वही हैं जिन्होंने कहा था कि ‘लोकतंत्र खतरे में है’ । इनकी नियुक्ति इस बात की भविष्यवाणी करता है। जय हिन्द।’
And let's not forget that he was the one who said 'democracy is under threat' and with this appointment he sounds prophetic. Jai Hind https://t.co/lqS8IcRRj2
— Manoj K Jha (@manojkjhadu) March 16, 2020
वही, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले को रंजन गोगोई के लिए इनाम बताया है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘क्या यह इनाम है?’ लोग न्यायाधीशों की स्वतंत्रता पर यकीन कैसे करेंगे? कई सवाल हैं। इसके अलावा भी कई नेता रंजन गोगोई के मनोनयन पर सवाल उठा रहे हैं।
Is it “quid pro quo”?
How will people have faith in the Independence of Judges ? Many Questions pic.twitter.com/IQkAx4ofSf— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 16, 2020
दरअसल, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सोमवार (16 मार्च) को पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि, ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (तीन) के साथ पठित खंड (एक) के उपखंड (क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति, एक मनोनीत सदस्य की सेवानिवृत्ति के कारण हुई रिक्ति को भरने के लिए रंजन गोगोई को राज्यसभा का सदस्य मनाीनीत करते हैं।’
रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके सेवानिवृत्त होने से कुछ दिनों पहले इन्हीं की अध्यक्षता में बनी पीठ ने अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था। रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच ने ही राम मंदिर मामले में फैसला सुनाया था। उन्होंने इस मामले में लगातार 40 दिनों तक सुनवाई कर केस का निपटारा किया था। न्यायमूर्ति गोगोई देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश रहे। उन्होंने देश के प्रधान न्यायाधीश का पद तीन अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक संभाला।
http://bit.ly/3d3c2mY
📢MBK Team | 📰JantaKaReporter
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