कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान भाजपा के एक विधायक राजस्थान के कोटा जिले से अपनी बेटी को वापस ले कर आए, जिस पर रविवार को विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता व बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘बिहार के मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) को कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फँसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसों को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। दूसरी तरफ़ अपने विधायक को गोपनीय तरीक़े से अपनी बेटी को वापस लाने की अनुमति दे रहे थे। बिहार में ऐसे अनेकों वीआईपी और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए। फँसे बेचारा ग़रीब…।’’
बिहार CM यूपी CM को कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फँसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसों को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। दूसरी तरफ़ अपने MLA को गोपनीय तरीक़े से उनके बेटे को वापस लाने की अनुमति दे रहे थे।बिहार में ऐसे अनेकों VIP और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए। फँसे बेचारा ग़रीब.. pic.twitter.com/mCNHZpRRVM
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 19, 2020
दरअसल, नवादा जिले में हिसुआ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अनिल सिंह 16 अप्रैल को राजस्थान के कोटा शहर के लिए रवाना हुए थे और शनिवार देर रात पटना स्थित अपने आवास लौट आए। अपनी बेटी को कोटा से लाने के लिए सिंह को नवादा सदर अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा 15 अप्रैल को यात्रा पास जारी किया गया था, जो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वहीं, चुनाव रणनीतिकार एवं जदयू से निष्कासित कर दिए गए प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट में इस यात्रा पास की तस्वीर पोस्ट कर कहा, ‘‘कोटा में फँसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को नीतीश कुमार ने यह कह कर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना लॉकडाउन की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा। अब उन्हीं की सरकार ने भाजपा के एक विधायक को कोटा से अपनी बेटी को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?’’
कोटा में फँसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को @NitishKumar ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना #lockdown की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा।
अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है? pic.twitter.com/mGy9v0MHQS
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 19, 2020
भाजपा विधायक अनिल सिंह ने कहा, “मेरी बेटी केवल 17 साल की है और वह कोटा में एक छात्रावास में रहकर अपनी मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। लॉकडाउन के बाद से, उसकी कक्षाएं निलंबित कर दी गई हैं और उसके अधिकांश सहपाठी छात्रावास छोड़ चुकी थीं। वह फोन पर अवसाद से ग्रसित महसूस हो रही थी।” उन्होंने कहा “मैंने एक आम नागरिक की तरह ही पास के लिए आवेदन किया था। रिकॉर्ड के लिए, अकेले नवादा जिले में कम से कम 700 लोगों के पक्ष में इसी तरह के पास जारी किए गए हैं, जिन्हें आपात स्थिति के कारण बाहर यात्रा करने की आवश्यकता होती है। मैंने वाहन चालक के साथ पिता के रूप में यात्रा की क्योंकि मैं अपनी बेटी को देखने के लिए स्वाभाविक रूप से उत्सुक था”। उन्होंने कहा कि उनके जाने को जो लोग दिशानिर्देशों का उल्लंघन के तौर पर देखने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें नियमों के बारे में जानकारी नहीं है।
वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, “इस मुद्दे पर कोई हाय तौबा नहीं होनी चाहिए चाहिए। उन्होंने (विधायक ने) लॉकडाउन के किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया। दिशानिर्देशों के अनुसार जिला प्रशासन ने उनकी यात्रा के लिए अनुमति दी थी।” इसके अलावा, बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार तेजस्वी पर संकट के समय में हमेशा गायब रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि आपसे अपेक्षा है कि ऐसे समय में आप खुद आगे बढ़ कर घर-घर जांच अभियान के प्रश्नावली प्रपत्र भर दें, जिससे आपके पद की भी मर्यादा बढ़ेगी एवं समय रहते चिकित्सीय परामर्श भी मिल जाएगा। (इंपुट: भाषा के साथ)
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