कोरोना लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक बार फिर से मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) की घटना सामने आई है। यहां दो साधुओं सहित तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वहीं, पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए अब तक 110 आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसमें 9 नाबालिग भी शामिल हैं।
इस बीच, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुष्टि की है कि राज्य के पालघर में तीन लोगों की मौत का कोई सांप्रदायिक कोण नहीं था। अनिल देशमुख ने अपने ट्वीट में लिखा, “मुंबई से सूरत जाने वाले 3 लोगों की पालघर में हुई हत्या के बाद मेरे आदेश से इस हत्याकांड में शामिल 101 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है। साथ ही उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। इस घटना को विवादास्पद बनाकर समाज में दरार बनाने वालों पर भी पुलिस नज़र रखेगी।”
उन्होंने आगे कहा, “हमला करने वाले और जिनकी इस हमले में जान गई- दोनों अलग धर्मीय नहीं हैं। बेवजह समाज में/ समाज माध्यमों द्वारा धार्मिक विवाद निर्माण करने वालों पर पुलिस और महाराष्ट्र साइबर पुलिस को कठोर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।”
हमला करनेवाले और जिनकी इस हमले में जान गई – दोनों अलग धर्मीय नहीं हैं।
बेवजह समाज में/ समाज माध्यमों द्वारा धार्मिक विवाद निर्माण करनेवालों पर पुलिस और @MahaCyber1 को कठोर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।#LawAndOrderAboveAll— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 19, 2020
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय यानी CMO की ओर से ट्वीट किया गया, “पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने २ साधुओं, १ ड्राइवर और पुलिस कर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा।”
पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने २ साधुओं, १ ड्राइवर और पुलिस कर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा।
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 19, 2020
वहीं, पालघर पुलिस ने इस घटना को लेकर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा, “पालघर मॉब लिंचिंग मामले में जिन 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें 9 नाबालिग हैं। 101 लोगों को इस महीने की 30 तारीख तक के लिए पुलिस कस्टडी में लिया गया है। जबकि 9 नाबालिग को गृह भेज दिया गया है। मामले में आगे की जांच चल रही है। घटना को देखने के लिए एक जांच भी शुरू की गई है।”
110 ppl have been arrested in this case out of which 9 are juvenile. 101 people have been remanded in police custody till 30th while 9 have been sent to juvenile home. Further investigation is going on in the matter. An enquiry has also been initiated to look into the incident.
— Palghar Police (@Palghar_Police) April 19, 2020
महाराष्ट्र के पालघर जिले में जूना अखाड़े के दो साधुओं की निर्मम हत्या किए जाने पर साधु-संतों से लेकर सोशल मीडिया तक पर लोगों में गुस्सा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने चेतावनी दी कि अगर हत्यारों पर कार्रवाई नहीं हुई तो महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आंदोलन होगा।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस सहित कई नेताओं ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था, “पालघर में मॉब लिंचिंग की घटना का वीडियो हैरान करने वाला और अमानवीय है। ऐसी विपदा के समय इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वह इस मामले की हाई लेवल जांच करवाएं और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।”
The cruelty with which the mob lynching in #Palghar happened, is beyond inhuman.
I demand a High Level Enquiry and strictest action be taken at the earliest.#Maharashtra #Mumbai pic.twitter.com/tnagputI7J— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) April 19, 2020
फडणवीस के अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रवक्ता बैजयंत जय पांडा ने भी घटना को शर्मनाक बताते हुए उद्धव सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘पालघर में पुलिस के सामने मॉब लिंचिंग की घटना का वीडियो दहला देने वाला है। वह भी तब जब कुछ ही दिन पहले उद्धव सरकार के राज में एक पुलिसकर्मी और डॉक्टर पर हमला हुआ था। मीडिया के एक वर्ग ने इसे ‘संतों के भेष में चोरों’ का मामला बताकर घटना को कमतर दिखाया।’
Horrific video of a mob lynching in cops’ presence in #Palghar Maharashtra, run by @OfficeofUT whr a few days ago a cop & doctor had been assaulted.
Media downplayed, said “mistaken suspicion as robbers” & suppressed that they were in Hindu religious robes.
Why this hypocrisy?
— Baijayant Jay Panda (@PandaJay) April 19, 2020
बता दें कि, यह घटना (मॉब लिंचिंग की) ऐसे समय में हुई है जब घातक कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर महाराष्ट्र समेत पूरे देश में तीन मई तक लॉकडाउन चल रहा है और लोगों की आवाजाही या सभा पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इस घटना के बाद से लोग प्रशासन और सरकार पर भी लगातार सवाल उठा रहे हैं। वहीं, इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोग अपनी नाराजगी जता रहे हैं।
https://bit.ly/3boCaaK
📢MBK Team | 📰JantaKaReporter
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