रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (18 सितंबर) को बड़ा आरोप लगाते हुए दावा किया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कुछ ताकतें हैं, जो भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ रही हैं। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि ऐसे लोगों को संस्थान के छात्रसंघ के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ भी देखा गया है। आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कुछ दिन पहले ही वामपंथी समूहों ने जेएनयू छात्रसंघ चुनावों में सभी चार प्रमुख पद जीते हैं।

सभी चारों पदों पर वामपंथी छात्र संगठनों का गठबंधन ‘यूनाइटेड लेफ्ट’ ने कब्जा कर लिया है। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो पाई है। चुनाव नतीजे सामने आने के बाद ABVP और वामपंथी ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्यों के बीच झड़पें भी हुई थी।

इस घटनाक्रम के बीच समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मंगलवार को निर्मला ने कहा, ‘कुछ ऐसी ताकतें हैं जो भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ रही हैं और वे छात्रसंघ के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ भी देखे जाते हैं। इससे मैं असहज महसूस करती हूं।’ भारतीय महिला प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान जेएनयू की पूर्व छात्र निर्मला सीतारमण से विश्वविद्यालय के घटनाक्रम के बारे में सवाल किया गया था।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में (जेएनयू में) जो चीजें हुई हैं, वे वास्तव में उत्साहजनक नहीं हैं…।’ उन्होंने आगे कहा, ‘पुस्तिकाएं कहती हैं कि वे भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं। उनकी विवरणिकाएं (ब्रोशर) ऐसा कहती हैं। JNUSU का नेतृत्व करने वाले या छात्रसंघ के सदस्य खुले तौर पर ऐसी ताकतों के साथ शामिल होते हैं, इसलिए भारत विरोधी कहने में आपको संकोच करने की आवश्यकता नहीं है।’

आपको बता दें कि आतंकी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ जेएनयू परिसर में 9 फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाए गए थे। इसके बाद राष्ट्रवाद पर देशव्यापी बहस के केंद्र में जेएनयू आ गया था। हालांकि दो साल बाद भी उस मामले में चार्जशीट नहीं हुई है।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का आरोप- ‘JNU में कुछ ताकतें हैं, जो भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ रही हैं’



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