हिंदी समाचार चैनल ज़ी न्यूज़ तबलीगी जमातियों के बारे में फर्जी खबर फैलाता हुआ पकड़ा गया। भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद पुलिस की एक चेतावनी के बाद ज़ी न्यूज़ ने अपने फर्जी ख़बर को अपने ट्विटर अकाउंट से डिलीट कर दिया।

ज़ी न्यूज़

दरअसल, 6 अप्रैल को ज़ी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया। अपने इस ट्वीट में ज़ी ने तबलीगी जमातियों के सदस्यों को लेकर एक खबर शेयर की थी। खबर की हेडलाइन थी- “फिरोजाबाद में 4 तबलीगी जमाती कोरोना पॉजिटिव, इन्हें लेने पहुंची मेडिकल टीम पर हुआ पथराव।”

अपने इस ट्वीट के साथ ज़ी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड ने यूपी पुलिस और फिरोजबाद पुलिस को टैग किया था। फिरोजाबाद पुलिस ने ज़ी न्यूज़ द्वारा फैलाए गए झूठ को बेनकाब करने के लिए तेजी से अपनी प्रतिक्रिया दी।

ज़ी न्यूज़ द्वारा फर्जी खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए फिरोजाबाद पुलिस ने लिखा, “आपके द्वारा असत्य एवं भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं। जबकि जनपद फिरोजाबाद में न तो किसी मेडिकल टीम एवं न ही एंबुलेंस गाड़ी पर किसी तरह का पथराव किया गया है। आप अपने द्वारा किए गए ट्वीट को तत्काल डिलीट करें।”

फिरोजाबाद पुलिस के इस ट्वीट के बाद ज़ी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड ने अपने ट्विटर हैंडल से इस फर्जी खबर को तुरंत हटा लिया। फिरोजाबाद पुलिस की प्रतिक्रिया के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ज़ी न्यूज़ की जमकर आलोचना कर रहे हैं।

बता दें कि, इससे पहले सहारनपुर पुलिस ने भी उन सभी मीडिया रिपोर्टों को गलत बताया है, जसमें क्वॉरेंटाइन किए गए तब्‍लीगी जमातियों के बारे में कहा जा रहा था कि वो लोग खाने में नॉनवेज की मांग कर रहे है और नॉनवेज न मिलने पर हंगामा कर रहे है। पुलिस ने उन खबरों को भी फेक न्यूज़ करार दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि वह लोग खुले में शौच कर रहे है।

सहारनपुर पुलिस ने अपने बयान में कहा, “अवगत कराना है, कि विभिन्न समाचार पत्रों, न्यूज़ चैनल एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित की जा रही खबर ‘क्वॉरेंटाइन किए गए जमातियों ने खाने में नॉनवेज न मिलने पर किया जमकर हंगामा, जमातियों ने खुले में ही कर डाली शौच’ की सत्यता की जांच एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु थाना प्रभारी रामपुर मनिहारान को निर्देश दिए गए थे। जिसके द्वारा जांच की गई तो जांच में विभिन्न समाचार पत्रों, न्यूज़ चैनलों एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित की जा रही उक्त खबर पूर्ण रूप से गलत एवं असत्य पाई गई है। सहारनपुर पुलिस उन प्रकाशित खबर का पूर्णत: खंडन करती हैं।”

बता दें कि, इससे पहले चिकित्सा अधिकारी होने का दावा करने वाली एक महिला ने भी अपने ट्वीट में तब्‍लीगी जमातियों पर लगे आरोपों का खंडन किया था। उर्वी शर्मा रैना (Urvi Sharma Raina) नाम की यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा था कि, “मैं निज़ामुद्दीन मरकज को खाली कराए जाने वाली टीम का हिस्सा थी और उन्होंने एक बार भी कभी दुर्व्यवहार नहीं किया।”

इस महिला चिकित्सा अधिकारी का यह ट्वीट ऐसे समय में आया था जब कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि निजामुद्दीन स्थित मरकज से निकाले जाने के बाद तबलीगी जमात के कुछ सदस्यों ने कथित तौर पर डॉक्टरों पर हमला किया। वहीं, दूसरों ने आरोप लगाया था कि तबलीगी जमात से जुड़े लोगों ने गाजियाबाद में नर्सों के साथ भी दुर्व्यवहार किया था।

ज़ी न्यूज़ ने अपनी खबर में कहा तबलीगी जमातियों ने मेडिकल टीम पर पत्थर फेंके, उत्तर प्रदेश पुलिस ने इसे बताया फर्जी खबर, कहा- ट्वीट डिलीट करो


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